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इंडिगो क्राइसिस (ANI)
देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के सामने आए ऑपरेशनल संकट के बीच नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्त रुख अपनाते हुए एयरलाइन के CEO और COO को समन भेजा है. नियामक ने स्पष्ट किया है कि उड़ान संचालन में हुई गंभीर गड़बड़ियों और यात्रियों को हुई भारी असुविधा को देखते हुए अब डिटेल पूछताछ अनिवार्य हो गई है. मंगलवार सुबह 11 बजे DGCA की चार सदस्यीय समिति इंडिगो के शीर्ष अधिकारियों से जवाब मांगेगी.
3900 उड़ानों के रद्द होने पर होगी पूछताछ
सूत्रों के अनुसार, यह समिति पिछले छह दिनों में रद्द हुई लगभग 3900 उड़ानों के कारणों की गहन जांच करेगी. इस अवधि में देश के कई प्रमुख एयरपोर्टों पर यात्रियों को लंबी कतारों, देरी और रद्दीकरण का सामना करना पड़ा. DGCA ने कहा है कि वह क्रू प्लानिंग, ऑपरेशनल तैयारी और नए फ्लाइट ड्यूटी नियमों के पालन की स्थिति का विस्तृत आकलन करेगी. समिति यह भी जांच करेगी कि क्या एयरलाइन ने नियमानुसार संसाधनों का प्रबंधन किया या उसमें गंभीर खामियां रहीं.
इंडिगो का संकट आठवें दिन भी जारी
दो दिसंबर को शुरू हुए इस संकट का आज आठवां दिन था, और स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हुई है. रविवार को भी 450 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों की समस्या बढ़ गई. एयरलाइन ने यात्रियों से माफी मांगते हुए कहा है कि 10 दिसंबर तक परिचालन सामान्य होने की उम्मीद है. इसके बावजूद DGCA ने कंपनी से पूछा है कि वह कैसे सुनिश्चित करेगी कि ऐसी स्थिति दोबारा न दोहराई जाए.
समिति के सदस्य और उनकी भूमिका
इस जांच समिति में संयुक्त महानिदेशक संजय के. ब्रह्मणे, उप महानिदेशक अमित गुप्ता, सीनियर फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर कैप्टन कपिल मांगलिक और फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर कैप्टन लोकेश रामपाल शामिल हैं. यह टीम उन सभी परिस्थितियों की समीक्षा करेगी, जिनके कारण हजारों उड़ानें प्रभावित हुईं. समिति यह भी निर्धारित करेगी कि क्या एयरलाइन ने DGCA को समय पर सूचना दी और क्या सभी परिचालन मानकों का पालन किया गया.
DGCA की चेतावनी और अतिरिक्त समय
DGCA ने इंडिगो को अपना स्पष्टीकरण जमा करने के लिए रविवार को अतिरिक्त 24 घंटे की मोहलत दी थी. साथ ही स्पष्ट चेतावनी दी गई कि यह अंतिम अवसर है. यदि तय समय पर जवाब नहीं मिला तो DGCA एकतरफा कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी. नियामक ने कहा कि वह स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है.
610 करोड़ रुपये का रिफंड जारी
इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने रविवार को स्टेकहोल्डर्स के साथ समीक्षा बैठक की. मंत्रालय के अनुसार, इंडिगो ने अब तक रद्द या अत्यधिक विलंबित उड़ानों के लिए यात्रियों को कुल 610 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस कर दिया है. सरकार ने एयरलाइन से कहा है कि वह संकट प्रबंधन और संचार व्यवस्था में सुधार करे ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके.
इंडिगो संकट पर DGCA की सख्त कार्रवाई से संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में विमानन क्षेत्र में अधिक कड़ाई और नियमों के कड़े पालन को प्राथमिकता दी जाएगी.
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