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File Photo (Freepik)
एयर पैसेंजर्स को सरकार अब बड़ी राहत देने के मूड में है. अब एयर पैसेंजर्स को टिकट बुक करने के 48 घंटे के अंदर-अंदर कैंसिल या फिर चेंज करवाने का मौका मिल सकता है. वह भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या एक्सट्रा चार्ज के. डीजीसीए यानी डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने इन नियमों को लागू करने के लिए एक ड्राफ्ट जारी किया है.
30 नवंबर तक DGCA ने इसके लिए लोगों से सुझाव मांगे हैं. अब अगर सब कुछ ठीक रहता है तो जल्द ही नए नियम बनेंगे. लेकिन ये लागू कब से होगा, ये अब तक नहीं हुआ है.
Directorate General of Civil Aviation (DGCA) drafts new rules letting air passengers cancel or amend tickets without extra charges within 48 hours of booking and mandates faster refunds. pic.twitter.com/05yyNBMVck
— ANI (@ANI) November 4, 2025
समझें नया नियम 3 पॉइंट में...
बुकिंग के बाद लोगों को 48 घंटे का लुक-इन पीरियड मिलेगा. यानी टिकट बुक करने के बाद किसी वजह से प्लान कैंसिल करना पड़ रहा है तो आप निश्चिंत होकर 48 घंटे के अंदर-अंदर टिकट कैंसिल कर पाएंगे. अगर आपने गलती से गलत नाम लिख दिया है तो आप फ्री में 24 घंटे के अंदर उसे सुधार सकते हैं. मेडिकल इमरजेंसी में एयरलाइन से रिफंड मिल सकता है.
खास बात है कि पैसेंजर ने डायरेक्ट एयरलाइन की वेबसाइट से टिकट बुक किया है या फिर किसी ट्रैवल एजेंट या फिर किसी पोर्टल से, रिफंड का जिम्मा एयरलाइन का होगा. ऐसा इसलिए कि एजेंट उनका ही एक्सटेंशन हैं. 21 वर्किंग डे में रिफंड देना ही होगा.
अगर आप टिकट अमेंडमेंट कर रहे हैं, तो आपको नए फ्लाइट का फेयर डिफरेंस चुकाना होगा. ध्यान रहे आपको ये सुविधा तभी मिलेगी, जब फ्लाइट की डिपार्चर डेट बुकिंग से कम से कम पांच दिन डोमेस्टिक फ्लाइट के लिए बचे हों या फिर 15 दिन इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए बचे हों.
अपने हिसाब से फीस लगाती है एयरलाइन
भारत में वर्तमान में एयर टिकट कैंसिलेशन के लिए कोई स्टैंडर्ड 48 घंटे का ग्रेस पीरियड नहीं है. अधिकांश वक्त अपनी पॉलिसी के अनुसार ही एयरलाइंस फीस लेती हैं. रिफंड प्रोसेस भी इसका धीमा है. पैसेजर्स को परेशानी होती है. ट्रैवल एजेंट्स या फिर पोर्टल्स से हुई टिकट का रिफंड मिलने में देरी होती है.
ग्राहकों को फायदा, एयरलाइन पर असर
एयरलाइन इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बदलाव से यात्रियों को तो सुविधाएं मिलेंगी और उनका भरोसा बढ़ेगा. लेकिन एयरलाइंस को लगता है कि उनका रेवेन्यू इससे प्रभावित हो सकता है. एक एक्सपर्ट का कहना है कि ये ड्राफ्ट अमेरिका और यूरोप के नियमों की तरह है. वहां भी 24 घंटे का फ्री कैंसिलेशन स्टैंडर्ड है.
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