एयर इंडिया विमान हादसे के बाद से लगातार इस बात पर चर्चा हो रही है कि यात्रियों की सुरक्षा किस तरह से की जाए. इसके लिए मीटिंगों का दौर जारी है. इस बीच केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय और टाटा संस व एयर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखकरन के बीच अहम बैठक हुई. इस बैठक में सरकार की ओर से दो अहम सुझाव दिए गए. इनमें से पहला सुझाव है कि एयर इंडिया के सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी को सही से निभाएं. दूसरों को बलि का बकरा बनाने की कोशिश न करें. वहीं सुरक्षा के मामले में फैसले अहम पदों पर बैठे लोग खुद लें. इसे किसी अन्य के भरोसे पर न छोड़ा जाए. इसके साथ फ्लाइट के रखरखाव पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है. सरकार ने स्पष्ट कहा कि खानापूर्ति से काम नहीं चलने वाला है. बैठक में अहमदाबाद हादसे के साथ तमाम अन्य समस्याओं का जिक्र किया गया.
सुझाव को लागू करने पर बनी सहमति
इस बैठक में केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू, सचिव समीर कुमार सिन्हां और डीजीसीए के चीफ फैज अहमद किदवई शुक्रवार को एयर इंडिया के चेयरमैन चंद्रशेखरन से मिले. यहां पर सभी सुझावों को लागू करने की बात कही गई. मीटिंग का निचोड़ यह निकलकर सामने आया है कि विमान के कई विभागों में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. यहां पर पदों पर कोई बैठा है. फैसला कोई और ले रहा है.
कई अन्य हादसों का हुआ जिक्र
12 जून को एयर इंडिया 171 विमान हादसे का शिकार हो गया था. इस हादसे में 256 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा अन्य हादसों को लेकर सीईओ कैंपबेल विल्सन के साथ उच्च स्तरीय चर्चा की गई. चंद्रशेखररन के साथ हुई बैठक में इन बातों का जिक्र सामने आया कि जांच के दौरान एयर इंडिया के कई अफसर ने अहम बातें बताईं. इसमें सामने आया कि कुछ लोगों को बलि का बकरा बनाया गया है. अहमदाबाद हादसे के बाद 21 जून को डीजीसीए ने एयर इंडिया के तीन अधिकारियों को हटाने का निर्देश दिया. इन पर लाइसेंसिंग, रेस्ट आदि में लापरवाही का आरोप लगाया गया.