Land for Job Scam: लैंड फॉर जॉब यानी जमीन के बदले नौकरी से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल, इस मामले में दाखिल फाइनल चार्जशीट पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मंगलवार को समन जारी किया. कोर्ट ने लालू यादव के बेटा-बेटी समेत सभी आरोपियों को समन भेजा है.
11 मार्च को कोर्ट में पेश होने को कहा
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को लैंड ऑफ जॉब स्कैम मामले में आरोपी पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी बेटी हेमा यादव और बेटे तेजप्रताप यादव समेत सभी आरोपियों को समन भेजकर तलब किया है. कोर्ट ने सभी नामजद आरोपियों को 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है.
बता दें कि सीबीआई ने लालू यादव समेत 78 लोगों के खिलाफ फाइनल चार्जशीट दाखिल की थी. इसी आधार पर कोर्ट ने मंगलवार को लालू परिवार और अन्य आरोपियों को समन जारी किया.
जानें क्या है पूरा मामला?
लैंड फॉर जॉब स्कैल मामले में लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगा है कि उन्होंने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए एक बड़ा घोटाला किया. जिसके तहत उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर तमाम लोगों से अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई थी.
इन लोगों को जमीन के बदले मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में रेलवे जोन में नौकरियां दी गईं. लालू प्रसाद यादव और परिवार पर आरोप है कि रेलवे में अलग-अलग पदों पर भर्ती के बदले इच्छुक लोगों से उनकी जमीनें बहुत कम दामों पर खरीद ली गईं या फिर गिफ्ट के रूप में ट्रांसफर करवा ली गईं.
लैंड ऑफ जॉब स्कैम मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की थी. जिसमें लालू यादव के परिवार और उनके करीबी लोगों पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था. इसके साथ ही सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी कर सबूत भी जुटाए.
इस मामले में सीबीआई ने जिन 78 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें 30 बड़े सरकारी अधिकारियों का नाम भी शामिल हैं. इसमें रेलवे के बड़े अफसर भी शामिल हैं.
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