NEET-UG 2024 पर SC का बड़ा फैसला, कोर्ट ने कहा- पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था पेपरलीक का असर

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने शुक्रवार 2 अगस्त को हुई सुनवाई में माना कि, राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा - स्नातक 2024 (NEET-UG 2024) परीक्षा के संचालन में कोई प्रणालीगत उल्लंघन (systemic breach) नहीं हुआ था. साथ ही कहा गया कि, पेपर लीक केवल पटना और हज़ारीबाग़ तक ही सीमित थी.

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने शुक्रवार 2 अगस्त को हुई सुनवाई में माना कि, राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा - स्नातक 2024 (NEET-UG 2024) परीक्षा के संचालन में कोई प्रणालीगत उल्लंघन (systemic breach) नहीं हुआ था. साथ ही कहा गया कि, पेपर लीक केवल पटना और हज़ारीबाग़ तक ही सीमित थी.

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Sourabh Dubey
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Supreme Court Verdict on NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने शुक्रवार 2 अगस्त को हुई सुनवाई में माना कि, राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा - स्नातक 2024 (NEET-UG 2024) परीक्षा के संचालन में कोई प्रणालीगत उल्लंघन (systemic breach) नहीं हुआ था. साथ ही कहा गया कि, पेपर लीक केवल पटना और हज़ारीबाग़ तक ही सीमित था. शीर्ष अदालत ने कहा कि, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को ढुलमुल रवैये से बचना चाहिए. NTA ने 1500 से अधिक छात्रों को गलत प्रश्न पत्र दिया, फिर ग्रेस मार्क्स दिए और बाद में दोबारा परीक्षा बुलाई गई.

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सर्वोच्च अदालत ने पूरी प्रक्रिया के पुनर्गठन का भी आह्वान किया. साथ ही परीक्षा प्रक्रियाओं में बदलाव के लिए केंद्र द्वारा बनाई गई विशेषज्ञ समिति के लिए जनादेश का वर्णन किया.

अधिकारियों ने बताया कि, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 1 अगस्त को कथित NEET-UG परीक्षा पेपर लीक मामले में अपना पहला आरोप पत्र दायर किया, जिसमें 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था.

पटना में एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में, एजेंसी ने आरोपियों पर IPC की आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, सबूतों को नष्ट करने सहित अन्य धाराएं लगाई हैं.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने यह भी कहा कि, विशेषज्ञ समिति को परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करना चाहिए. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अदालत ने अपने फैसले में NTA की संरचनात्मक प्रक्रियाओं में सभी कमियों को उजागर किया है. साथ ही बताया कि, छात्रों की भलाई के लिए इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

 

      
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