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दिल्ली ब्लास्ट न्यूज Photograph: (x/FREEPIK)
Delhi Red Fort Blast Update:देश की राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए आत्मघाती कार बम धमाके के सिलसिले में एनआईए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) ने फरीदाबाद (हरियाणा) निवासी एक मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. यह वही हमला था जिसने कई निर्दोष लोगों की जान ली और कई अन्य घायल हुए थे.
गिरफ्तार किया गया व्यक्ति, जिसे नाम से शोएब बताया गया है, इस मामले में 7वां आरोपी बन गया है. एनआईए की जांच से पता चला है कि शोएब ने हमलावर को विस्फोट से पहले शरण दी थी और उसे लॉजिस्टिक सपोर्ट यानी जरूरी मदद उपलब्ध कराई थी.
The National Investigation Agency (NIA) has arrested a Faridabad resident for harbouring terrorist Umar Un Nabi immediately before the Delhi terror bomb blast.
— ANI (@ANI) November 26, 2025
Soyab of Dhauj, Faridabad (Haryana) is the 7th accused to be arrested in the case. NIA investigations have revealed…
पहले 6 लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
आपको बता दें कि पहले ही इस केस में छह अन्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे. जिनमें शामिल थे-
अमीर राशिद अली- कार खरीदने में मदद करने वाला प्रमुख सह-षड्यंत्रकर्ता
जसीर बिलाल वानी उर्फ- तकनीकी मदद, ड्रोन व रॉकेट की जानकारी देने वाला आरोपी
डॉ. मुजम्मिल शकील गनई- बम निर्माण व योजना का मुख्य सह-आरोपी, IED पुर्जे तैयार करने की जिम्मेदारी
डॉ. अदील अहमद राथर- भर्ती व परिचालन रसद का संदेहित
डॉ. शाहीन सईद- मॉड्यूल के अंदर योजना व वैचारिक समन्वय में शामिल
मुफ्ती इरफान अहमद- वैचारिक समर्थन और रणनीतिक भूमिका निभाने वाला
अधिकारियों ने दी ये जानकारी
अधिकारियों के अनुसार, शोएब सिर्फ आश्रय नहीं दे रहा था बल्कि मुख्य हमलावर को विस्फोट की तैयारी में सहायक रसद भी मुहैया करा रहा था. जांच दल ने शोएब और पहले गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल के ठिकानों की तलाशी के दौरान IED निर्माण से जुड़े उपकरण- जैसे ग्राइंडर और पोर्टेबल भट्टी बरामद किए थे, जिससे विस्फोट की तैयारी का प्रमाण मिला.
एनआईए ने शोएब को न्यायालय में पेश किया है. अब आयोग उसकी कठोर हिरासत और पूछताछ की मांग कर सकती है, ताकि इस आतंकी नेटवर्क की पूरी कार्यप्रणाली और हथियारों के सोर्स तक पहुंच सकें.
इस गिरफ्तारी से उस आतंकवादी गिरोह की तस्वीर अधिक स्पष्ट हुई है, जिसने योजना बनाई, मदद दी, और आतंक फैलाया. अब जांच यह पता लगाएगी कि कितने और लोग इससे जुड़े थे, ताकि आगे इस तरह के हमलों को रोका जा सके.
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