Bulldozer Action on Al Falah University: अल फलाह यूनिवर्सिटी पर चल सकता है बुलडोजर

Bulldozer Action on Al Falah University: सबसे गंभीर आरोप यह है कि यूनिवर्सिटी के अंदर से कई संदिग्ध डॉक्टरों का नेटवर्क सक्रिय था. डॉ. मुजम्मिल, डॉ. उमर समेत 15 से अधिक डॉक्टर फिलहाल लापता बताए जा रहे हैं.

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Yashodhan.Sharma
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Bulldozer Action on Al Falah University: सबसे गंभीर आरोप यह है कि यूनिवर्सिटी के अंदर से कई संदिग्ध डॉक्टरों का नेटवर्क सक्रिय था. डॉ. मुजम्मिल, डॉ. उमर समेत 15 से अधिक डॉक्टर फिलहाल लापता बताए जा रहे हैं.

Bulldozer Action on Al Falah University: फरीदाबाद की अलफला यूनिवर्सिटी इन दिनों गंभीर सवालों के घेरे में है. सुरक्षा एजेंसियों की जांच के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि क्या इस संस्थान पर बुलडोजर एक्शन हो सकता है. वजह यह है कि कई आतंकी मॉड्यूल, खासकर डॉक्टर मॉड्यूल, की गतिविधियों के सूत्र इसी यूनिवर्सिटी से जुड़ते हुए बताए जा रहे हैं. जांच में सामने आया है कि आतंकियों के नेटवर्क से देश-विदेश तक लिंक मिले हैं. ऐसे में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात से लेकर ढाका, अंकारा, अफगानिस्तान और दुबई तक कनेक्शन की पड़ताल जारी है.

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यूनिवर्सिटी को लेकर 2 नोटिस जारी

यूनिवर्सिटी को लेकर दो नोटिस जारी किए गए हैं और प्रशासन से एफआईआर में दर्ज आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. सवाल यह भी है कि कैंपस की कुल जमीन कितनी है और क्या कभी इसकी सही पैमाइश की गई. 1996 में अलफला ट्रस्ट की स्थापना हुई, 1997 में इंजीनियरिंग कॉलेज बना और 2014 में यह यूनिवर्सिटी का रूप ले गई. लेकिन अब आरोप है कि 65 से 70 एकड़ की जमीन में कई अनियमितताएँ छिपाई गईं और किसानों के लिए बनी पुरानी पगडंडियों को बंद कर दिया गया.

निर्माण मानकों को लेकर भी शक

निर्माण मानकों को लेकर भी गंभीर शंकाएं उठी हैं. क्या सभी इमारतें स्वीकृत नक्शे के अनुसार बनीं? क्या लैबोरेटरी निर्धारित सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी? क्या परिसर में ऐसी संरचनाएं हैं जिनका इस्तेमाल सेफ हाउस तरह किया जा सकता है? जांच एजेंसियों को आशंका है कि कहीं उर्वरक जैसे केमिकल का दुरुपयोग कर खतरनाक सामग्री तैयार करने की कोशिश तो नहीं हुई.

ये है सबसे गंभीर आरोप

सबसे गंभीर आरोप यह है कि यूनिवर्सिटी के अंदर से कई संदिग्ध डॉक्टरों का नेटवर्क सक्रिय था. डॉ. मुजम्मिल, डॉ. उमर समेत 15 से अधिक डॉक्टर फिलहाल लापता बताए जा रहे हैं. एजेंसियों का मानना है कि यहां कुछ लोगों को कट्टरपंथ की दिशा में धकेलने की कोशिश भी की गई. हालांकि, छात्रों की एक बड़ी संख्या इससे अछूती रही, लेकिन कैंपस का उपयोग संदिग्ध गतिविधियों के लिए होने की आशंका ने मामले को संवेदनशील बना दिया है.

फिलहाल, अब कैंपस की पूरी मैपिंग, जमीन का मुआयना और निर्माण की जांच शुरू कर दी गई है. यदि अनियमितताएँ साबित होती हैं, तो बुलडोजर एक्शन की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा. यह कदम आतंकी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार माना जाएगा, क्योंकि कई हॉटस्पॉट्स का सिरा इसी यूनिवर्सिटी से जुड़ता दिख रहा है.

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