Delhi High court: दिल्ली में अब झोलाछाप डॉक्टरों की खैर नहीं. दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार से ऐसा कुछ कहा है कि अब ऐसे झोलछाप डॉक्टरों पर लगाम कसना तय हो गया है.राजधानी दिल्ली में लगभग 50 हजार फर्जी डॉक्टर हैं. यही वजह है कि इस बारे में लगातार शिकायत होती रहीं और आखिरकार अब कोर्ट के माध्यम से नकेल डालने की कोशिश हुई है.
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली मेडिकल काउंसिल, दिल्ली सरकार और नेशनल मेडिकल कमीशन को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि असली और फर्जी डॉक्टरों के बीच फर्क करने वाला एक्शन प्लान तैयार किया जाए. एक्शन प्लान की मदद से झोलाछाप डॉक्टरों पर एक्शन शुरू होने की संभावना है.
दिल्ली में हैं 50 हजार झोलाछाप डॉक्टर
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई. सुनवाई के दौरान ही कोर्ट को जानकारी दी गई कि राजधानी दिल्ली में लगभग 50 हजार फर्जी डॉक्टर हैं.
6 हफ्ते का दिया है समय
इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए हाइकोर्ट ने सरकारों और डॉक्टरों से जुड़ी संस्थाओं को 6 हफ्ते का समय देते हुए कोई ठोस उपाय सोचने कहा है जिससे आम लोगों को डॉक्टरों की योग्यता के बारे में पता चल सके.
क्यों लिया गया फैसला
दरअसल, झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से हर साल बड़ी तादाद में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होता है. आम लोग यह पहचान ही नहीं कर पाते कि कौन से डॉक्टर से इलाज कराने से उन्हें राहत मिलेगी. झोलाछाप डॉक्टर कम पैसों में इलाज करते हैं और स्थानीय स्तर पर छोटी से क्लिनिक में बैठते हैं तो आसपास के मरीज कम पैसों के कारण यहीं इलाज कराने आते हैं. यही बात मरीजों के लिए कभी-कभी घातक साबित होती है. इसी सब को रोकने के लिए अब दिल्ली हाईकोर्ट को एक्शन में आना पड़ा.