Delhi: दिल्ली में अब जितना सीवर निकलेगा, उतना भरना पड़ेगा पानी का बिल

दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सरकार ने फैसला किया है कि अब सीवरेज के आधार पर पानी का बिल चुकाना होगा.

दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सरकार ने फैसला किया है कि अब सीवरेज के आधार पर पानी का बिल चुकाना होगा.

Harish & Jalaj Kumar Mishra
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Delhi Govt New Decision on Sewerage  Parvesh Verma

Parvesh Verma

दिल्ली सरकार ने राजधानी में जल के दुरुपयोग पर सख्त रुख अपनाते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है. जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने स्पष्ट किया है कि अब राजधानी के होटल, बैंक्वेट हॉल, मॉल, निजी अस्पताल और अन्य बड़े वाणिज्यिक संस्थान मुफ्त पानी का उपयोग कर मुनाफा नहीं कमा सकेंगे.

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सीवर निकासी के आधार पर होगा जल उपभोग का आकलन

नई व्यवस्था के अनुसार, ऐसे सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को उनके द्वारा निकाले गए सीवरेज के आधार पर पानी का बिल देना होगा. मंत्री ने कहा कि "अब हर बूंद का हिसाब होगा. जो जितना सीवर बहाएगा, उसे उतना ही पानी का बिल देना होगा."

अभी तक कई संस्थानों के पास वैध जल कनेक्शन या मीटर नहीं हैं. इसके बावजूद ये संस्थान प्रतिदिन लाखों लीटर पानी का उपयोग कर रहे हैं और बदले में सीवरेज सिस्टम में गंदा पानी डाल रहे हैं, जिससे सरकार को हर साल सैकड़ों करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

नई नीति:

  • जल उपभोग का आकलन सीवरेज बहाव के आधार पर किया जाएगा.
  • जिनके पास वॉटर मीटर नहीं हैं, उन्हें सीवरेज डेटा से मूल्यांकन कर बिल जारी किया जाएगा.
  • नगर निगम के व्यावसायिक लाइसेंस और सीवरेज रिकॉर्ड का क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा.
  • यह नीति जल चोरी रोकने और राजस्व हानि को कम करने के लिए बनाई गई है.
  • संस्थानों की लापरवाही पर सख्ती

मंत्री ने बताया कि वर्षों से कई बड़े संस्थान बिना किसी लेखाजोखा के जल उपयोग करते रहे हैं. उन्होंने सरकारी जल स्रोतों का अवैध रूप से दोहन कर अपने व्यापार को बढ़ाया. अब यह दौर खत्म होने जा रहा है. परवेश वर्मा ने कहा कि "ये टैक्स नहीं है, ये जिम्मेदारी है. आप करोड़ों के कारोबार मुफ्त पानी पर नहीं चला सकते."

आम नागरिकों पर नहीं पड़ेगा असर

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह नीति केवल वाणिज्यिक संस्थानों पर लागू होगी. घरेलू उपभोक्ता, झुग्गीवासी या गरीब तबके इससे प्रभावित नहीं होंगे. यह कदम केवल उन पर लक्षित है, जो लाभ के लिए संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं.

प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि अब सरकार एक पारदर्शी और अनुशासित व्यवस्था लागू कर रही है. हर उपभोक्ता को अब अपने हिस्से की जिम्मेदारी उठानी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों की लापरवाही की वजह से ऐसे हालात बने, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा.

 

delhi Parvesh Verma
      
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