Delhi Election Result 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव का नतीजा घोषित हो चुका है. दिल्ली में इस बार कमल खिला है और झाड़ू पस्त हो गई है. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की जीत कई मायनों में अप्रत्याशित रही. आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट हार गए हैं. जबकि मनीष सिसोदिया भी अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे. हालांकि मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी ने जरूर बीजेपी के कद्दावर नेता रमेश बिधूड़ी को करारी शिकस्त दी. बहरहाल, दिल्ली चुनाव के दौरान कुछ ऐसी रोचक सीटें रही, जिनका जिक्र सबकी जुबान पर चढ़ा रहा. ऐसी सीटों में से एक है नई दिल्ली विधानसभा सीट-
2008 में वजूद में आई नई दिल्ली सीट
दरअसल, नई दिल्ली विधानसभा सीट का इतिहास रहा है कि जो भी उम्मीदवार इस सीट से चुनाव जीतता है, दिल्ली में उसी दल की सरकार बनती है. इस बार भी दिल्ली की इस सीट ने अपना इतिहास दोहराया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली विधानसभा के गठन के बाद 1993 में पहली बार चुनाव हुए. उस समय नई दिल्ली नाम से कोई सीट ही नहीं थी. बल्कि यह गोल मार्केट सीट का हिस्सा हुआ करती थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2008 में परिसीमन हुआ और नई दिल्ली विधानसभा अस्तित्व में आई. इस दौरान गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली में 7 बार विधासभा चुनाव हुए, जिनमें तीन-तीन बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी व एक बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली. गोल मार्केट और फिर नई दिल्ली सीट से जिस भी पार्टी का उम्मीदवार जीता, उसी पार्टी ने सरकार भी बनाई. यहां से 1998, 2003 और 2008 में शीला दीक्षित और 2013, 2015, 2020 में अरविंद केजरीवाल चुनाव जीते और मुख्यमंत्री बने.
यह खबर भी पढ़ें- Delhi Election Result 2025 : दिल्ली की इन 4 सीटों पर टिकी रहीं सबकी नजरें, कौन हारा-कौन जीता?
पहली बार बीजेपी ने दर्ज की थी जीत
1993 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश के दर्जा मिलने के बाद यहां हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने गोल मार्केट सीट से पूर्व क्रिकेटर कीर्ति झा आजाद को टिकट दिया था. बीजेपी और कांग्रेस के बीच हुई कांटे की टक्कर में कीर्ति आजाद ने कांग्रेस के ब्रिज मोहन भामा को 3803 वोट से हराया था. 1998 में दिल्ली चुनाव गोल मार्केट सीट से बीजेपी के कीर्ति आजाद के सामने कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मैदान में उतारा. यहां शीला दीक्षित ने बीजेपी प्रत्याशी आजाद को 5600 से ज्यादा वोटों से हराया और विधायक बनने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री चुनीं गईं. इसके बाद 2003 और 2008 में शीला दीक्षित ने इतिहास दोहराया और जीत हासिल कर दिल्ली की सीएम बनीं.
यह खबर भी पढ़ें - Delhi New CM : कौन होगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री? BJP किसे सौंपेगी सत्ता की चाबी
आप ने दर्ज की पहली जीत
दिल्ली की राजनीति में 2013 का साल काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के अलावा एक और पार्टी अस्तित्व में आई, जिसका जन्म भ्रष्टाचार आंदोलन से हुआ. इस बार भी नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प रहा. कांग्रेस ने मौजूदा मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को टिकट दिया और आप से अरविंद केजरीवाल उतरे. चुनाव नतीजा चौंकाने वाला रहा. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपना चुनाव हार गईं. आप संयोजक केजरीवाल ने 25,864 वोट से यह चुनावी बाजी अपने नाम की. आप को 44,269 और कांग्रेस को 18,405 वोट मिले. इस सफलता के साथ अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने.