दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी से मिले चीन के विदेश मंत्री वांग यी, क्या हुई बातचीत?

चीनी विदेश मंत्री वांग यी इन दिनों तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं. भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अजित डोभाल से मुलाकात के बाद उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की.

चीनी विदेश मंत्री वांग यी इन दिनों तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं. भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अजित डोभाल से मुलाकात के बाद उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की.

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Mohit Sharma
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PM Modi meets Chinese Foreign Minister Wang Yi

PM Modi meets Chinese Foreign Minister Wang Yi Photograph: (Social Media)

चीनी विदेश मंत्री वांग यी अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दोनों के बीच यह मुलाकात प्रधानमंत्री आवास पर हुई है. बदले वैश्विक परिदृश्य में यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. इसके पहले चीनी विदेश मंत्री के साथ दिल्ली में ही कई हाई लेवल मीटिंग हुई थीं. बैठकों के दौरान भारत और चीन एशियाई दिग्गजों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर व मजबूत बनाने की दिशा में बात हुई. 

क्यों अहम मानी जा रही यह मुलाकात

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इससे पहले यांग यी दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिले थे. वांग यी ऐसे समय में भारत यात्रा पर आए हैं, जब कुछ दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए चीन यात्रा पर जाने वाले हैं. इसके अलावा चीनी विदेश मंत्री के भारत दौरे को इसलिए भी काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि भारत और चीन की नजदीकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नई दिल्ली पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया गया है, जिसके बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. 

क्या बोले अजित डोभाल

इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत और चीन के संबंधों में काफी प्रोग्रेस हुई है. क्योंकि मौजूदा समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर शांति कायम है. ऐसा गलवान घाटी संघर्ष (2020) से शुरु हुए तनाव को दूर करने के लिए दोनों देशों की तरफ से नए सिरे से किए जा रहे प्रयासों का प्रतीक है. 

भारत और चीन के संबंधों में गर्माहट

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है, जिसमें रूस से तेल और हथियार खरीदने पर 25 प्रतिशत पेनल्टी भी शामिल है. ट्रंप के इस कदम के बाद से भारत और अमेरिका के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. अमेरिका का कहना है कि भारत रूस से कच्चे तेल के खरीदारी बंद करे, क्योंकि इस पैसे का इस्तेमाल रूस यूक्रेन वॉर में कर रहा है. ऐसा न करने पर ट्रंप ने भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगाने की धमकी दी है. वहीं, इस घटना के बाद से भारत-रूस-चीन के रिश्तों में गर्माहट देखी जा रही है. इस बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर चीन जा चुके हैं. 

Chinese Foreign Minister Wang Yi
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