कोर्ट ने काली सूची में रखे गए विदेशी जमातियों के बारे में सरकार से मांगा ये जवाब

उच्चतम न्यायालय ने तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित रूप से संलिप्तता की वजह से काली सूची में रखे गए 35 देशों के करीब 2500 विदेशी नागरिकों की वीजा स्थिति के बारे में सोमवार को गृह मंत्रालय को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया.

author-image
Deepak Pandey
New Update
tablighi jamaat

तबलीगी जमात( Photo Credit : फाइल फोटो)

उच्चतम न्यायालय ने तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित रूप से संलिप्तता की वजह से काली सूची में रखे गए 35 देशों के करीब 2500 विदेशी नागरिकों की वीजा स्थिति के बारे में सोमवार को गृह मंत्रालय को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने केन्द्र को यह रिकार्ड पेश करने का निर्देश दिया कि क्या प्रत्येक विदेशी नागरिक को उसका वीजा रद्द करने के बारे में व्यक्तिगत रूप से कोई नोटिस दिया गया था.

Advertisment

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इन विदेशी नागरिकों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केन्द्र को निर्देश देने के बाद इस मामले को दो जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. पीठ ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता और अधिवक्ता रजत नायर से कहा कि यदि इन विदेशी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए हैं तो सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वे अब भी भारत में क्यों हैं लेकिन अगर वीजा रद्द नहीं किया गया है तो स्थिति भिन्न है.

शुरू में केन्द्र की ओर से पेश हुए रजत नायर ने कहा कि इन याचिकाओं की प्रतियां उन्हें नहीं दी गई हैं, इसलिए जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को समय समय चाहिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने कहा कि याचिकाओं की प्रतियां केन्द्र के एडवोकेट ऑन रिकार्ड को दी जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि 900 से ज्यादा व्यक्तियों को काली सूची में शामिल करने का एक आदेश था. पीठ ने कहा कि गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार प्राधिकारी प्रत्येक मामले के आधार पर निर्णय लेंगे और यह जानना जरूरी है कि क्या ऐसा कोई आदेश पारित किया गया है.

सिंह ने कहा कि वीजा के नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. उन्होने कहा कि संबंधित देश अपने नागरिकों को वापस चाहते हैं और दूतावास इस बारे में पूछताछ कर रहे हैं. इस पर पीठ ने कहा कि केंद्र को इन नागरिकों की वीजा की स्थिति पर बयान देने दीजिए.  पीठ ने मेहता को यह पता लगाने के लिये कहा कि क्या इन नागरिकों के वीजा रद्द करने के लिए अलग-अलग आदेश पारित किए गए हैं.

इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने सिंह से जानना चाहा कि उन्हें वीजा रद्द करने संबंधी आदेश कब दिए गए, इस पर उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य आदेश था और किसी को व्यक्तिगत रूप से नोटिस नहीं दिया गया. पीठ ने कहा कि वह समझती है कि वीजा रद्द करने के लिये प्रत्येक मामले में अलग-अलग आदेश पारित करने की आवश्यकता है. पीठ ने कहा कि हमारे सामने कोई स्पष्ट आदेश नहीं बल्कि प्रेस विज्ञप्ति है.

सिंह ने दलील दी कि इन नागरिकों को काली सूची में रखने या उनके वीजा रद्द करने के बारे में अलग- अलग आदेश नहीं दिए गए हैं. उच्च न्यायालयों में जमानत की अर्जियों पर सुनवाई के दौरान भी ऐसा कोई आदेश पेश नहीं किया गया. न्यायालय ने 26 जून को याचिकाकर्ताओं के वकीलों से कहा था कि तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने के लिए भारत आये 35 देशों के करीब 2500 नागरिकों को काली सूची में रखने के सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं की प्रतियां सरकारी वकील को उपलब्ध करायी जाएं.

सरकार के दो अप्रैल और चार जून के आदेश के खिलाफ थाईलैंड की सात माह की गर्भवती नागरिक सहित 34 व्यक्तियों ने चार याचिकायें दायर की हैं. इन आदेशों के तहत काली सूची में रखे गये करीब 2500 विदेशी नागरिक इस समय भारत में हैं.

Source : News Nation Bureau

tabligi jamaat Court Modi Government CBI investigation
      
Advertisment