Dalai Lama 90th Birthday: तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा 6 जुलाई को 90 साल के हो जाएंगे. तिब्बत के लोगों और उनकी मान्यताओं के तहत वे दलाई लामा के 14वें अवतार हैं. उनका रियल नेम तेनजिन ग्यात्सो है. ऐसा कहा जा रहा है कि वे अगले यानी 15वें दलाई लामा के नाम की घोषणा कर सकते हैं. दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन पूरी दुनिया के लिए दिलचिस्प है.
14वें दलाई लामा को किस तरह से चुना
तिब्बती की परंपरा के अनुसार, एक सीनियर बौद्ध भिक्षु की मृत्यु जब होती है तो उसके नौ माह बाद उसकी आत्मा पुनर्जन्म लेती है. 6 जुलाई, 1935 को पूर्वोत्तर तिब्बत के एक किसान के घर मे उनका जन्म हुआ था. परिवार ने उनका नाम ल्हामो धोंडुप रखा था. जब वह मात्र दो वर्ष के थे तब 14वें दलाई लामा के रूप में उनकी पहचान हुई.
दलाई लामा की वेबसाइट की मानें तो कई अन्य तरीकों से भी अगले दलाई लामा की पहचान होती है. 1937 में मौजूदा दलाई लामा की आयु मात्र 2 वर्ष की थी. तभी उन्हें 14वें दलाई लामा के रूप में पहचाना गया. उन्हें खोजने में एक दल गया था. उस समय 2 साल के ल्हामो धोंडुप ने 13वें दलाई लामा के सामान को देख पहचान लिया था. उसे देखते ही बोलने लगा कि "यह मेरा है, यह मेरा है".
कैसे होगा अगले दलाई लामा का चयन
अपनी एक किताब "वॉयस फॉर द वॉइसलेस" में दलाई लामा का कहना है कि उनके उत्तराधिकारी का जन्म चीन से बाहर होने वाला है. आपको बता दें कि चीन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद दलाई लामा साल 1959 में तिब्बत से निकलकर भारत आए थे. यहां पर उन्होंने हिमाचल के धर्मशाला को अपना निवास बनाया था. इसी किताब में उन्होंने ऐलान किया कि अपने 90 वें जन्मदिन पर अपने उत्तराधिकारी के बारे में बताएंगे. उन्होंने वैकल्पिक रूप से सुझाव दिया कि उनकी उत्तराधिकारी एक लड़की भी हो सकती है. उनकी आत्मा किसी वयस्क में ट्रांसफर भी हो सकती है. उनका कहना है कि अगले दलाई लामा का चयन तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार होना चाहिए.
पुराने दलाई लामा ऐसे हुआ था चयन
साल 1758 में 8वें दलाई लामा का जन्म हुआ था. उस समय कई सकारात्मक घटनाएं सामने आईं थीं. इंद्रधनुष दिखाई दिया. ऐसा बताया जाता है कि 8वें दलाई लामा ने ध्यान की मुद्रा में बैठने का प्रयास किया. इस तरह से उनकी पहचान हुई. इसके अलावा भी कई विधि से पहचान की जाती है. इसमें सोने के कलश का भी उपयोग किया जाता था. मगर यह कलश अब चीन के पास है.