Cyclone Dana: बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र अब गहरे दबाव में बदल गया, इसी के साथ अब ये एक खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदलने लगा है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस चक्रवात के असर से कल यानी 25 अक्टूबर को तड़के 100 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चलने की संभावना है. इसके बाद ये ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों को पार कर सकता है. आईएमडी के अनुसार, जब ये ओडिशा और बंगाल के तटों को पार करेगा तब इस चक्रवाती तूफान की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा होगी. इस चक्रवात को डाना नाम दिया गया है. डाना चक्रवात के चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकार ने तटवर्तीय इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है.
ओडिशा में तीन लाख लोगों को निकाला गया
बंगाल की खाड़ी से उठे डाना चक्रवाती तूफान का सबसे ज्यादा खतरा ओडिशा पर बना हुआ है. जिसे देखते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है. सीएम मोहर चरण माझी के मुताबिक, चक्रवात दाना के चलते राज्य के तटीय इलाकों की ओर बढ़ने की वजह से तीन लाख से ज्यादा लोगों को बुधवार शाम तक सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया. इस चक्रवात से ओडिशा के करीब पांच लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं.
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शुक्रवार को ओडिशा तट को पार करेगा डाना चक्रवात
सीएम माझी ने चक्रवात से लिए की जा रही तैयारियों का बुधवार को जायजा लिया. बताया जा रहा है कि चक्रवाती तूफान डाना शुक्रवार तड़के भितरकनिका और धामरा के करीब ओडिशा तट को पार कर सकता है.
समुद्र में उठ सकती हैं दो मीटर ऊंचा लहरें
आईएमडी के डायरेक्टर मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक, इस चक्रवात के असर से शुक्रवार सुबह भारी बारिश होगी. इस दौरान समुद्र में तूफानी लहरें उठेंगीं. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार के कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि जब ये चक्रवात तट से गुजरेगा तब समुद्र में दो मीटर से ऊंची लहरें उठेंगी.
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ओडिशा के इन जिलों में आ सकती है बाढ़
मौसम विभाग के मुताबिक, इस चक्रवात के चलते ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों में बाढ़ आने का भी खतरा बढ़ गया है. जिसके चलते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. इसके साथ ही घरों को सुरक्षित रखने के लिए पेड़ों की डालियां को काट दिया गया है. इस चक्रवात के चलते ओडिशा सरकार ने राज्य के 14 जिलों को जोखिमग्रस्त घोषित किया है. जिनमें पुरी, नयागढ़, अंगुल, खोरधा, जगतसिंहपुर, कटक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक, ढेंकनाल, क्योंझर, मयूरभंज और गंजम शामिल हैं.
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शुक्रवार सुबह तक सभी फ्लाइट कैंसिल
जानकारी के मुताबिक, इस चक्रवात से लोगों को बचाने के लिए करीब 3000 टीमें लगाई गई हैं. साथ ही करीब 6,000 कैंप बनाए गए हैं, जहां लोगों के ठहरने का इंतजाम किया गया है. इसके साथ ही कोलकाता एयरपोर्ट से सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. इस दौरान शुक्रवार सुबह 9 बजे तक सभी उड़ानें रद्द रहेंगी.