Cyber Fraud Case: भारत में साइबर फ्रॉड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि देश में वित्त वर्ष 2024 में साइबर फ्रॉड के मामलों में चार गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. जिससे 20 मिलियन डॉलर यानी करीब 177 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो हर रोज करोड़ों डिजिटल वित्तीय लेनदेन वाले देश में बढ़ते जोखिमों को दर्शाता है. बता दें कि हमारे देश में किफायती डेटा पैक की वजह से बड़ी आबादी तक इंटरनेट की पहुंच हो गई है. जिससे लोग पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं.
इस बीच ये भी पता चलात है इन देश में साइबर साक्षरता भी बढ़ी और लोग धोखाधड़ी के प्रति पहले से ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं. इसी का नतीजा है कि साइबर अपराधियों ने भी फ्रॉड करने का नया रास्ता ढूंढ लिया है और अब ये साइबर अपराधी अधिकारी बनकर, या एआई का उपयोग करके ऑनलाइन या टेक्स्ट मैसेजिंग और मोबाइल फोन कॉल के ज़रिए लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.
वित्त मंत्रालय ने जारी किया डेटा
वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को संसद में प्रस्तुत किए गए डेटा से पता चला है कि मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में लोगों ने धोखाधड़ी के कारण कुल 177 करोड़ रुपये (20.3 मिलियन डॉलर) गंवा दिए. जो वित्तीय वर्ष 2023 की राशि से दोगुने से भी अधिक है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, साइबर फ्रॉड के इन मामलों में लोगों को एक लाख या उससे भी अधिक की धनराशि गंवानी पड़ी. साइबर फ्रॉड मामलों की कुल संख्या पिछले वर्ष के 6,699 से बढ़कर 29,082 हो गई.
वित्त मंत्रालय ने संसद में दिया जवाब
संसद में एक प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा, "देश में डिजिटल भुगतान लेनदेन में वृद्धि के साथ, डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी सहित धोखाधड़ी की घटनाओं में भी पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है." वित्त मंत्रालय के मुताबिक, साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं ने दूरसंचार नियामक जैसे अधिकारियों से कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसने स्पैम कॉल करने वालों को ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया है, साथ ही केंद्रीय बैंक ने देश की सभी बैंकों को धोखाधड़ी करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले संदिग्ध खातों को फ्रीज करने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है.
सरकार कर रही लोगों को जागरुक
वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया कि सरकार ने हैंडबुक प्रकाशित की हैं और मीडिया जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जिसमें लोगों से साइबर अपराधों के बारे में सतर्क रहने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही बैंकों ने जागरूकता बढ़ाने के लिए बॉलीवुड सितारों और मशहूर हस्तियों को शामिल किया है. पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्र के नाम अपने मासिक रेडियो संबोधन मन की बात में डिजिटल घोटालों के प्रसार के बारे में बात की और लोगों से अपनी ऑनलाइन सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया.