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सांकेतिक तस्वीर Photograph: (Social)
Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश में कफ सिरप से जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 9 पहुंच गई है. रिपोर्ट के अनुसार ताजा मामला छिंदवाड़ा से आया है, यहां 3 और बच्चों की मौत हो गई, इससे पहले 6 मौतें हो चुकी थीं. अभी तक हुई 9 मौतों में से 5 बच्चों को Coldrif और 1 बच्चे को Nextro-DS सिरप लेने की हिस्ट्री मिली है.
ये है पूरा केस
मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में दो और बच्चों की इलाज के दौरान जान चली गई. दोनों बच्चे गंभीर किडनी इंफेक्शन से पीड़ित थे. डॉक्टरों की टीम ने पूरी कोशिश की लेकिन स्थिति इतनी नाजुक थी कि उन्हें बचाया नहीं जा सका.
क्या कफ सिरप है जानलेवा
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राजस्थान के भरतपुर और सीकर में भी कथित तौर कफ सिरप से दो बच्चों की जान चली गई. ऐसे में अब सवाल उठता है क्या कफ सिरप जानलेवा है? राजस्थान में ड्रग कंट्रोलर ने सिरप के उपयोग पर तुरंत रोक लगा दी है और जांच के लिए नमूने प्रयोगशाला भेजे हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
बता दें कि राजस्थान में रिपोर्ट्स के अनुसार जिस कफ से बच्चों की तबियत बिगड़ी है, उसका नाम डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप (Dextromethorphan hydrobromide) है. ऐसे अब एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं इसके डोज को लेकर आइए जानते हैं.
डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप क्या है?
बता दें कि डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप की खोज 1950 के दशक में हुई थी और इसे कोडीन जैसी आदत डालने वाली दवाओं का सुरक्षित विकल्प माना गया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर्स का कहना है कि खांसी को रोकने वाली ये दवा हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए. छोटे बच्चों में तो इसकी खुराक का खासा ध्यान रखना होगा. अगर 2 साल से कम उम्र का बच्चा है तो यह दवा बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए और 2–6 साल के बच्चों को भी सटीक खुराक ही देना होगी. वहीं बच्चे अगर 6 साल से ऊपर के हैं तो भी इसे डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं देनी चाहिए.
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