Coronavirus : क्या वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी हो रहा कोरोना वायरस, देखें यह रिपोर्ट

दिल्ली के डॉक्टरों का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही भी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि ऐसे वेरिएंट्स इम्यूनिटी को चकमा देकर तेजी से फैल सकते हैं. दिल्ली में तापमान में थोड़ी राहत के साथ-साथ कोविड के मामलों की यह खबर अब एक बार फिर से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे पुराने नियमों की याद दिला रही है.

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Mohit Sharma
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दुनिया भर में इन दिनों कोरोना वायरस के मामलों में अचानक फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है. पिछले कुछ दिनों में ही देश में कोविड के केसों में इजाफा हुआ है, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञ और भारत की चिंता बढ़ गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में कोविड के एक्टिव मामले अब 3395 हो गए हैं और इनमें सबसे ज्यादा मामले केरल में हैं. जहां इस समय 10,36 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 467 और दिल्ली में 375 मामले हैं. शुक्रवार से शनिवार के बीच पूरे देश में 685 नए कोरोना केस सामने आए और चार मौतें दर्ज की गई, जिनमें दिल्ली, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में एक-एक मौत हुई है.

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कितना खतरनाक है कोरोना का नया वैरिएंट

इन आंकड़ों ने देश के लोगों को फिर से इस संक्रमण के प्रति सतर्क कर दिया है. खासकर ऐसे समय में जब सबको लगा था कि कोविड पूरी तरह से खत्म हो गया है या अब उसका कोई खास असर नहीं होगा, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार संक्रमण की वजह कोरोना के दो नए वेरिएंट्स एनबी1.8.1 और एलएफ.7 हैं जो तेजी से फैल रहे हैं. इनकी वजह से केस बढ़ रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये दोनों वेरिएंट्स ओमिक्रोन के JN1 वेरिएंट और उसमें हुए म्यूटेशन से निकले सबवेरिएंट्स हैं. इनका संक्रमण क्षमता काफी ज्यादा है. यही वजह है कि इनसे संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और मौतें भी हो रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने एनबी1.8.1 वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग घोषित किया है. जबकि इससे पहले इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की कैटेगरी में रखा गया था.

कोरोना वैक्सीन लगवा चुके लोगों को कितना खतरा

WHO की रिपोर्ट के अनुसार NB1.8.1 वेरिएंट रिक्बिनेशन वेरिएंट से विकसित हुआ है और इसका पहला सैंपल इस साल 22 जनवरी को इकट्ठा किया गया था. इस वेरिएंट में कुछ ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं जो शरीर की इम्यूनिटी को धोखा दे सकते हैं. यानी जिन लोगों की एंटीबॉडीज कमजोर हैं वो इसके शिकार बन सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि 2019-20 में पहली बार पाए गए कोरोना वायरस में अब तक करीब 130 से 140 म्यूटेशन हो चुके हैं. यही वजह है कि वायरस समय-समय पर अपना रूप बदलकर वापस हमला करता रहता है. हालांकि जिन लोगों का वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है और जिनकी इम्यूनिटी मजबूत बनी हुई है उनके लिए यह वायरस उतना घातक नहीं होगा, लेकिन जिन लोगों की किसी बीमारी के कारण इम्युनिटी कमजोर है जिनकी उम्र ज्यादा है या जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है उनके लिए खतरा बढ़ गया है.

भारत में घबराने की कितना जरूरत

 दिल्ली के डॉक्टरों का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही भी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि ऐसे वेरिएंट्स इम्यूनिटी को चकमा देकर तेजी से फैल सकते हैं. दिल्ली में तापमान में थोड़ी राहत के साथ-साथ कोविड के मामलों की यह खबर अब एक बार फिर से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे पुराने नियमों की याद दिला रही है. विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वह बार-बार हाथ धोएं भीड़भाड़ से बचें और अगर बुखार खांसी या गले में खराश जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच करवाएं और घर पर आराम करें. सरकार की तरफ से भी टेस्टिंग और मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है. ताकि हालात काबू में रखे जा सकें. खासकर केरल और दिल्ली जैसे राज्यों में जहां केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा एनबी 1881 और एलएफ7 वेरिएंट के खतरों को लेकर भी अभी और रिसर्च चल रही है.

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