Coronavirus: जानलेवा बीमारी यानी कोरोना वायरस एक बार फिर अपने पांव पसार रहा है। दुनिया के कई देशों में इन दिनों कोविड-19 के मामलों से हड़कंप मचा हुआ है। खास तौर पर सिंगापुर और हांगकांग में तो हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. इस बार कोरोना को ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट जेएन1 इस वक्त घातक बना हुआ है। हलांकि भारत में अब तक हालात नियंत्रित हैं, लेकिन संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी एक चिंता का विषय बन सकती है। जबकि दुनिया के कई इलाकों में कोरोना ने पैर पसारना शुरू कर दिए हैं जो एक बार लॉकडाउन जैसे हालात बना रहे हैं।
दुनिया एक बार फिर कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से जूझने के लिए तैयार हो रही है। सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में हाल ही में कोरोना के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है, और अब भारत में भी इसकी दस्तक हो चुकी है। भारत में कोरोना के नए मामलों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है और इसके पीछे जो नया वैरिएंट सामने आया है, उसका नाम है JN.1। यह ओमिक्रॉन का एक सब-वैरिएंट है, जो पहले के वैरिएंट्स की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है।
JN.1 वैरिएंट का क्या है यह नया रूप?
JN.1 को पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था। यह BA.2.86 वैरिएंट से विकसित हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 में लगभग 30 ऐसे म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इसे इंसानी शरीर की इम्यून सिस्टम से बच निकलने में सक्षम बनाते हैं। खास तौर पर इसके स्पाइक प्रोटीन में बदलाव इसे और ज्यादा खतरनाक बना देता है। इसी कारण यह वैरिएंट तेजी से संक्रमण फैला रहा है।
भारत में स्थिति
भारत में JN.1 के कारण अब तक 257 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं और दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि अभी संक्रमण का स्तर नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यदि लापरवाही बरती गई तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
क्या हैं JN.1 के लक्षण?
इस वैरिएंट के लक्षण अन्य कोरोना वैरिएंट्स जैसे ही हैं, लेकिन एक नया और आम लक्षण सामने आया है – डायरिया (दस्त)। JN.1 से संक्रमित अधिकांश मरीजों में यह लक्षण पाया गया है। इसके अलावा जो लक्षण देखे जा रहे हैं, वे हैं:
- हल्का बुखार
- गले में खराश
- नाक बहना
- सिरदर्द
- अत्यधिक थकान
- मांसपेशियों में दर्द
- भूख न लगना
- मतली और अपच
इन लक्षणों की गंभीरता कम है और अधिकतर लोग 4-5 दिनों में ठीक हो रहे हैं। हालांकि बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों में खतरा अधिक हो सकता है।
कितना घातक है JN.1?
फिलहाल, इस वैरिएंट से जुड़ी अधिकांश बीमारियां हल्की ही साबित हुई हैं। लेकिन इसकी तेजी से फैलने की क्षमता इसे खतरनाक बनाती है। JN.1 की सबसे बड़ी चुनौती यही है कि यह इम्यून सिस्टम को चकमा दे सकता है, जिससे संक्रमित व्यक्ति देर से पहचान में आता है।
बचाव ही सुरक्षा है
विशेषज्ञों का मानना है कि सावधानी ही इस संक्रमण से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। निम्नलिखित उपाय अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं:
सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनें
- बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइज़र का प्रयोग करें
- भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें
- यदि लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं और आइसोलेट रहें
- टीकाकरण करवाना न भूलें, और बूस्टर डोज लेने वालों को भी सतर्क रहना चाहिए
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