अब क्या होगा! कोरोना से कई गुना खतरनाक वायरस का संकट मंडराया, भारत में कितना खतरा

रिसर्च के मुताबिक अगर इंसान इस वायरस की चपेट में आता है तो शुरुआती लक्षणों में एंसेफलाइटिस यानी दिमाग में सूजन और सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो जान भी जा सकती है.

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Mohit Sharma
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रिसर्च के मुताबिक अगर इंसान इस वायरस की चपेट में आता है तो शुरुआती लक्षणों में एंसेफलाइटिस यानी दिमाग में सूजन और सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो जान भी जा सकती है.

अभी कोरोना से पूरी तरह उबर नहीं पाई है और अब एक और खतरनाक वायरस का खतरा सामने आ गया है, जिसे वैज्ञानिकों ने हेनिपावायरस बताया है. यह वायरस चीन के युन्नान प्रांत में पाए गए चमगादड़ों में मिला है और इसकी मारक क्षमता को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है. रिसर्च के मुताबिक अगर यह वायरस इंसानों में फैलता है तो इससे संक्रमित होने पर करीब 75% मामलों में मौत हो सकती है, जो इसे कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक बनाता है. हालांकि अच्छी बात यह है कि अभी तक इंसानों में इस वायरस का कोई मामला नहीं मिला है. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पर लगातार निगरानी रखने की जरूरत है.

दोनों ही वायरस पहले से ही इंसानों में जानलेवा

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चीन के वैज्ञानिकों ने साल 2017 से चमगादड़ों पर एक रिसर्च शुरू की थी, जिसमें 10 अलग-अलग प्रजातियों के 142 चमगादड़ों की किडनी से सैंपल लेकर जांच की गई, इसमें उन्हें 22 तरह के वायरस मिले, जिनमें से दो बिल्कुल नए हेनिपावायरस हैं जिन्हें यू नाम बैट हेनिपा वायरस वन और यू नाम बैट हेनिपा वायरस टू नाम दिया गया है. इन दोनों वायरस की बनावट नीपा और हेड्रा वायरस से लगभग 70% मिलती जुलती है और दोनों ही वायरस पहले से ही इंसानों में जानलेवा माने जाते हैं. खास बात यह है कि यह वायरस चमगादड़ों की किडनी में मिले हैं. ऐसे में यह आशंका है कि यह उनके मूत्र के जरिए बाहर आ सकते हैं और क्योंकि चमगादड़ अक्सर बाग बगीचों खेतों और पानी के स्रोतों के पास रहते हैं इसलिए उनके यूरिन से फल सब्जियां और पानी तक भी दूषित हो सकते हैं.

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर विनोद ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे फल यह पानी इंसान खा पी लेते तो वायरस का संक्रमण हो सकता है. रिसर्च के मुताबिक अगर इंसान इस वायरस की चपेट में आता है तो शुरुआती लक्षणों में एंसेफलाइटिस यानी दिमाग में सूजन और सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो जान भी जा सकती है. अभी तक इंसानों में इसका कोई केस सामने नहीं आया है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि हमें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. लोगों को सलाह दी गई है कि फल और सब्जियां खाने से पहले अच्छी तरह उबालें या साफ करें और किसी भी बहते या खुले पानी के स्रोत से पानी पीने से बचें. साथ ही चमगादड़ों की गतिविधियों पर और वायरस के फैलाव पर सतत निगरानी की जरूरत है ताकि अगर भविष्य में इंसानों में संक्रमण फैले तो समय रहते उसे रोका जा सके.

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