बिहार चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर समीक्षा बैठक में हंगामा, नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस पार्टी को करारा झटका दिया है. 61 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद, पार्टी को केवल छह सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. हार के कारणों की पड़ताल के लिए गुरुवार को दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई गई.

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस पार्टी को करारा झटका दिया है. 61 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद, पार्टी को केवल छह सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. हार के कारणों की पड़ताल के लिए गुरुवार को दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई गई.

author-image
Ravi Prashant
New Update
congress neta rahul gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी Photograph: (ANI)

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. 61 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी को केवल 6 सीटों से संतोष करना पड़ा. हार के कारणों की पड़ताल के लिए गुरुवार को दिल्ली में अहम बैठक बुलाई गई, जिसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उम्मीदवारों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं से 10-10 सदस्यों के बैच में राय सुनी. बैठक शुरू होने से पहले ही माहौल गर्म हो गया और नेताओं के बीच तीखी बहस देखने को मिली.

Advertisment

फ्रेंडली सीटों पर भी बीजेपी को फायदा

मिल रही जानकारी के मुताबिक, वैशाली से चुनाव लड़ चुके इंजीनियर संजीव सिंह ने बैठक से पहले आरोपों की झड़ी लगा दी. उन्होंने दावा किया कि कई जगह बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देकर स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई. साथ ही ‘फ्रेंडली फाइट’ के नाम पर ऐसी सीटें दी गईं, जहां मुकाबले का फायदा बीजेपी को मिला. आरोपों पर जब कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई, तो बहस बढ़कर धमकी तक पहुंच गई. संजीव सिंह ने पूर्णिया के उम्मीदवार जितेंद्र कुमार और कुछ अन्य नेताओं को गुस्से में गोली मार देने तक की बात कह दी. स्थिति बिगड़ने पर वरिष्ठ नेताओं ने बीच में आकर मामला शांत किया.

मर्यादा पहली प्राथमिकता 

इस घटना की जानकारी जब राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को मिली, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि संगठन में नए लोग आते रहेंगे, लेकिन मर्यादा और व्यवहार प्राथमिक शर्त है.

सीमाचंल में क्या हुआ? 

बैठक में हार की कई वजहों पर चर्चा हुई. नेताओं ने आरोप लगाया कि टिकट बंटवारे में गड़बड़ी हुई और कई प्रत्याशियों को पैसे लेकर टिकट दिए जाने की शिकायतें सामने आईं. फ्रेंडली फाइट से सीधे तौर पर नुकसान होने की बात मानी गई. सीमांचल में ओवैसी की मौजूदगी के कारण मुस्लिम वोटों में बिखराव से भी महागठबंधन को नुकसान पहुंचा.

और कहां-कहां हुई गलती? 

इसके अलावा यह भी राय सामने आई कि महागठबंधन में शामिल होने के समय को लेकर गलती हुई. सीट बंटवारा और सिंबल जारी करने में देरी से अभियान कमजोर पड़ा. कुछ नेताओं ने यहां तक सुझाव दिया कि फिलहाल आरजेडी के साथ गठबंधन पर दोबारा विचार किया जाए और पार्टी को स्वतंत्र रूप से मजबूत करने पर ध्यान दिया जाए. कई नेताओं ने नए चेहरों को आगे लाने, पुराने चेहरों की सक्रियता बढ़ाने और मजबूत नेतृत्व खड़ा करने की जरूरत पर जोर दिया.

बैठक के अंत में राहुल गांधी ने सभी से अपने क्षेत्र के मुद्दों पर बात करने और आरोप-प्रत्यारोप से बचने की अपील की. उन्होंने कहा कि हार की वजहों को पहचानकर आगे की रणनीति तैयार करना ही वर्तमान में सबसे जरूरी है.

congress Bihar Elections 2025
Advertisment