कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद याद हैं. वही शमा मोहम्मद, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के ऊपर भद्दी टिप्पणी करते हुए उन्हें मोटा कहा था.उन्होंने अब मोहम्मद शमी का समर्थन किया है. दरअसल, शमी पर रमजान में रोजा न रखने के कारण एक मौलाना ने आपत्ति जताई थी. इसी मामले में शमा ने भारतीय गेंदबाज का समर्थन किया है.
शमा ने कहा कि रमजान के वक्त एक महत्वपूर्ण बात है कि जब हम यात्रा करते हैं तो हमें रोजा रखने की जरूरत नहीं होती. मोहम्मद शमी मैच खेलने के लिए यात्रा कर रहे हैं. वे दुबई में हैं, अपने घर पर नहीं. वे एक ऐसा खेल रहे हैं, जिसमें बहुत प्यास लगती है. ऐसा कोई नहीं कहता कि आप अगर खेल भी रहे हैं तो भी आपको रोजा रखना होगा. आपके कर्म सबसे अहम है. शमा ने आगे कहा कि इस्लाम एक वैज्ञानिक धर्म है. इसमें किसी के ऊपर कुछ भी थोपा नहीं जाता है. अगर शमी यात्रा कर रहे हैं तो उन्हें रोजा रखने की जरुरत नहीं है.
कहां से शुरू हुआ विवाद
बता दें, चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान, दुबई में मंगलवार को इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया था. मैच भारत ने जीत लिया. हालांकि, मैच के बीच से मोहम्मद शमी की एक फोटो सामने आई, जिसमें वे एनर्जी ड्रिंक पीते हुए नजर आ रहे थे. इसी फोटो के सामने आने के बाद मौलाना ने शमी की आलोचना की और मुजरिम तक कह दिया.
शमी के बारे में क्या बोले मौलाना?
मोहम्मद शमी के बारे में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने गुरुवार को टिप्पणी की थी. मौलाना की टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया था. उन्होंने कहा था कि मोहम्मद शमी ने खेल के दौरान रोजा न रखकर गलत किया है. वे शरिया कानून के तहत मुजरिम हैं.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक दिन पहले कहा था कि रोजा इस्लाम में फर्ज है. अगर कोई स्वस्थ पुरुष या महिला 'रोजा' नहीं रखता है, तो वह इस्लाम की नजर में मुजरिम है. लोग उन्हें देख रहे थे. वे खेल रहे हैं, वे स्वस्थ हैं. बावजूद इसके उन्होंने रोजा नहीं रखा और पानी पी लिया. लोगों में इससे गलत संदेश जाता है. 'रोजा' न रखकर शमी ने अपराध किया है. शरीयत के अनुसार, वे अपराधी हैं. उन्हें खुदा को जवाब देना होगा.