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Photograph: (X@himantabiswa)
भारत में घुसपैठ काफी ज्यादा बढ़ गई है. बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान भारत में अवैध रूप से रहने लगे हैं. इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि अगर असम में पड़ोशी देशों से आने वाले लोगों की संख्या में सिर्फ 10 प्रतिशत तक की भी वृद्धि होती है तो असम खुद ही बांग्लादेश बन जाएगा. उन्होंने कहा कि वह पिछले पांच वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं. बता दें, असम भारत के उन राज्यों में शीर्ष पर है, जो घुसपैठ से परेशान हैं.
अब जानें क्या बोले हिमंत बिस्व सरमा
असम के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को प्रेस-कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान, उन्होंने पत्रकारों से बात की. प्रेस कॉन्फ्रेस में उनसे बांग्लादेश के एक नेता ने कथित रूप से पूर्वी राज्यों का पड़ोसी देश में विलय करवाने से जुड़ा सवाल किया तो उन्होंने कहा कि असम की 40 प्रतिशत आबादी बांग्लादेशी मूल की ही है. अगर इसमें 10 प्रतिशत की भी और बढ़ोत्तरी होती है तो हम खुद-ब-खुद इसमें शामिल हो जाएंगे. मैं पिछले पांच वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहा हूं.
Dibrugarh, Assam: On Bangladeshi immigrants, Assam CM Himanta Biswa Sarma says, "40 per cent of the population in Assam consists of illegal Bangladeshi immigrants, and that if this percentage increases by another 10 per cent, Assam will be automatically absorbed into Bangladesh.… pic.twitter.com/EDES1tsOJW
— ANI (@ANI) December 23, 2025
पूर्वी राज्यों को अलग-थलग कर देना चाहिए- बांग्लादेशी नेता
बता दें, दिसंबर की शुरुआत में बांग्लादेश के एक नेता हसनत अब्दुल्ला ने कहा था कि ढाका को भारत के पूर्वी राज्यों को अलग-थलग कर देना चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा कि अगर भारत बांग्लादेश को अस्थिर करना चाहता है तो क्षेत्र में अलगाववादी तत्वों का समर्थन करना चाहिए.
बांग्लादेशी नेता ने चिकन नेक की भी बात की
अब्दुल्ला का दावा है कि पूर्वी राज्य भौगोलिक दृष्टि से बहुत कमजोर हैं. भारत की मुख्य भूमि से संपर्क बनाने के लिए उन्हें सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर निर्भर रहना पड़ता है. बता दें, अब्दुल्ला जिन कॉरिडोर की बात कर रहे हैं. उसे चिकन नेक भी कहा जाता है.
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