कोरोना वायरस का खौफ अभी ठीक से हमारे जहन से निकला भी नहीं था कि चीन में एक बार फिर एक ऐसे ही वायरस दस्तक दे दी है. अब ऐसे में सवाल है कि क्या एक और महामारी चीन से निकलकर पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाली है. कहा जा रहा है कि इस नए वायरस से चीन भी डरा और सहमा हुआ है. यह डर इसलिए क्योंकि चीन में बैड कोरोना वायरस यानी चमका दड़ोस तेजी से फैल रहा है. इस वायरस का इंसानों में फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है. यह वायरस भी कोरोना की वजह से बनने वाले वायरस की तरह ही ह्यूमन रिसेप्टर का यूज करता है. चीन में खोजे गए इस नए वायरस का नाम h के u5 कोव 2 है.
आइए एक बार फिर से याद करते हैं कोरोना कैसे फैला था, क्योंकि यह नया वायरस भी कुछ इसी तरह से फैल सकता है. 5 साल पहले चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस का भारत के केरल में 30 जनवरी 2020 को कोरोना का पहला केस मिला था. 1 अप्रैल से 31 मई 2021 तक कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी थी. 27 दिसंबर 2021 को शुरू हुई थी कोरोना की तीसरी लहर. वायरस के कहर की वजह से दुनिया भर में लगा था लॉकडाउन. कोरोना वायरस से दुनिया भर में करीब 71 लाख लोगों की मौत हुई थी. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह स्टडी शी झेंगली के नेतृत्व में हुई है.
बैट वुमेन के नाम से लोगों के बीच फेमस
शी एक बड़ी वायरोलॉजिस्ट हैं. कोरोना वायरस पर गहन रिसर्च की वजह से वे बैट वुमेन के नाम से लोगों के बीच फेमस हैं. इस रिसर्च में उनके साथ ग्वांग झोन लैब साइंस अकेडमी वहान यूनिवर्सिटी और वहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिक शामिल थे. उनके निष्कर्ष मंगलवार को जनरल सेल में प्रकाशित हुए. अब सवाल है कि चीन का नया कोरोना वायरस आया कहां से. अब तक इस पर कोई सहमति वैसे नहीं आई है, लेकिन कुछ स्टडीज के मुताबिक इसकी वजह भी चमगादड़ ही है कहा जा रहा है कि वायरस चमकादड़ में पनपा है और एक इंटरमीडिएट जानवर के जरिए ये इंसानों में फैला. अब एक और यहां गंभीर सवाल यह है कि ये नया वायरस कितना घातक है. तो एक स्टडी में पाया गया है कि एच केय 5 कोपट वायरस जियोटिक कन्वर्टिंग एंजाइम से जुड़ने में सक्षम है. यह वही रिसेप्टर है, जिसका उपयोग एसआरएस कोपट वायरस द्वार किया जाता है जो कि मानव कोशिकाओं में संक्रमण फैलाता है.
कोरोना की तरह एक और महामारी का खतरा
स्टडी में वैज्ञानिकों ने लिखा है कि उन्होंने कोरोना वायरस की एक अलग वंशावली की खोज की है. नए वायरस का पता ऐसे समय में लगा है जब चीन में फ्लू जैसे मानव मेटा न्यूमो वायरस यानी एचएम पीवी1 के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके बाद कोरोना की तरह एक और महामारी का खतरा गहराने लगा है. मास्क पहने मरीजों से खचाखच भरे चीन के अस्पतालों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि एचएमपी भी कोरोना जैसा नहीं है.
ये भी पढ़ें: बिहार की तरक्की और विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा करते हैं प्रधानमंत्री : मंत्री श्रवण कुमार