भारत ने आतंकवाद को शह देने के वजह से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया है. लेकिन अब पाकिस्तान का दोस्त चीन बड़ी साजिश रच रहा है. चीन की राजधानी बीजिंग स्थित सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के उपाध्यक्ष विक्टर झिकाई गाओ ने चीन से भारत आने वाली ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोकने के संकेत दिए हैं.
भारत द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द करने के वजह से विक्टर ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आपको दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसे आप अपने साथ नहीं चाहते. गाओ ने संकेत दिया कि अगर पाकिस्तान का पानी रोका गया तो चीन भी भारत का पानी रोक सकता है.
दरअसल, गाओ एक भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दे रहे थे. इसी दौरान उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की मजबूती के बारे में बताया. गाओ ने कहा कि जैसे भारत से नदियां बहते हुए पाकिस्तान जाती हैं, वैसे ही तो चीन से बहकर भी नदियां भारत आती हैं. गाओ की इस बात से साफ हो गया है कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी को हथियार बना सकता है. भारत के लिए गाओ के बयान चिंता पैदा कर सकती है. चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर कई अहम डैम बना लिए हैं, जिससे उन्हें पानी रोकने की ताकत मिल गई है.
भारतीय सीमा के पास चीन ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा बांध
बता दें, जनवरी 2025 में चीन ने खुलासा किया था कि भारतीय सीमा के पास वह ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा जल विद्युत बांध बनाएगा. चीन का दावा है कि इससे डाउनस्ट्रीम देशों को नुकसान नहीं होगा. हालांकि, भारत के पूर्वी राज्यों को इससे नुकसान हो सकता है. चीन के लिए ये डैम रणनीतिक तौर पर अहम है. चीन को इससे भारत की शक्ति बढ़ाने का मौका मिलेगा.
ब्रह्मपुत्र नदी भारत के लिए बहुत उपयोगी है
ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो के नाम से जाना जाता है. कैलाश पर्वत के पास से शुरू होकर ब्रह्मपुत्र नदी चीन, भारत और बांग्लादेश होते हुए बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है. ब्रह्मपुत्र नदी के कारण भारत के कई बड़े क्षेत्रों में सिंचाई और दूसरे कामों में मदद मिलती है.