देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बने युद्ध जैसे हालातों को लेकर खुलकर बात की. पुणे विश्वविद्यालय में भविष्य के युद्ध और युद्धकला विषय पर बोल रहे सीडीएस अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी कई अहम बातें बताईं. उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल 48 घंटे के युद्ध को 8 घंटे में पूरा किया, बल्कि पाकिस्तान को वार्ता की टेबल पर लाने को मजबूर भी किया. इससे साफ पता चलता है कि वॉर केवल स्ट्राइक ही नहीं, बल्कि राजनीति का हिस्सा भी है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि इस विशेष युद्ध का पूरा प्रारंभिक बिंदु पहलगाम आतंकी हमला था. क्या आतंकवाद युद्ध का एक तर्कसंगत कार्य है? मुझे नहीं लगता कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आतंकवाद का कोई परिभाषित तर्क नहीं है...जहां तक हमारे विरोधी का सवाल है, उसने भारत को एक हजार घाव देकर खून बहाने का फैसला किया है...1965 में, जुल्फिकार अली भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए भारत के खिलाफ एक हजार साल के युद्ध की घोषणा की थी..."
सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हम युद्ध और राजनीति को एक साथ लेकर तो चले ही, साथ में हमें काउंटर ड्रोन सिस्टम का फायदा भी मिला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तो 10 मई की आधी रात ही लड़ाई हार गया था. इसी बीच उन्होंने भारत के साथ बातचीत की पेशकश की. उन्होंने कहा कि लड़ाई में नुकसान नहीं, बल्कि परिणाम ज्यादा मायने रखता है.