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सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने जापानी नागरिकों को निशाना बनाने वाले ट्रांसनेशनल टेक सपोर्ट साइबरक्राइम मामले में मुख्य आरोपी द्विबेंदु मोहाराना को गिरफ्तार किया है। आरोपी को 30 अक्टूबर 2025 को भुवनेश्वर एयरपोर्ट से पकड़ा गया, जब वह विदेश से भारत लौटा।
CBI ने बताया कि मोहाराना जापानी नागरिकों को धोखाधड़ी वाले टेक सपोर्ट स्कैम के ज़रिए निशाना बनाने वाले एक अंतरराष्ट्रीय साइबर सिंडिकेट का प्रमुख संचालक था। जांच में सामने आया कि वह VoIP Connect Pvt Ltd नाम से एक कॉल सेंटर चला रहा था, जहाँ से विदेशी पीड़ितों को झूठे बहाने से कॉल किए जाते थे। ठग खुद को बहुराष्ट्रीय कंपनियों का तकनीकी सपोर्ट स्टाफ बताकर पीड़ितों को अपने सिस्टम में कथित “वायरस या तकनीकी समस्या” का डर दिखाते और पैसे ट्रांसफर कराने में सफल होते थे।
CBI की जांच के अनुसार, 28 मई 2025 को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 19 स्थानों पर एक समन्वित तलाशी अभियान चलाया गया था। उस दौरान छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मोहाराना अगली ही सुबह, 29 मई को, देश छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात भाग गया था।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को ट्रांजिट वारंट पर दिल्ली लाया गया और उसे माननीय CBI कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ अदालत ने उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
CBI ने अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
एजेंसी ने बताया कि यह कार्रवाई जापान की नेशनल पुलिस एजेंसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के सहयोग से चलाए गए ऑपरेशन चक्र-V के तहत की गई है। इस संयुक्त अभियान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय इस साइबर नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है।
CBI ने कहा कि वह साइबर-आधारित वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है और ट्रांसनेशनल साइबरक्राइम नेटवर्क को खत्म करने के लिए मल्टी-एजेंसी रणनीतिक सहयोग जारी रखेगी।
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