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cbi raid Photograph: (social media)
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने नेशनल हाईवेज़ एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), गुवाहाटी के रीजनल ऑफिस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और रीजनल ऑफिसर को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ है। सीबीआई ने 14 अक्टूबर 2025 को आरोपी अधिकारी को एक प्राइवेट व्यक्ति के साथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद एजेंसी ने गुवाहाटी, गाजियाबाद और इंफाल स्थित आरोपी के कार्यालय और आवासों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान जो खुलासे हुए, उन्होंने एजेंसी को भी चौंका दिया।
जांच टीम ने 2.62 करोड़ रुपये नकद, भारी मात्रा में निवेश दस्तावेज़ और लग्जरी वस्तुएं बरामद की हैं। बरामदगी में दिल्ली-एनसीआर में 9 प्रीमियम अपार्टमेंट यूनिट्स, 1 ऑफिस स्पेस और 3 रेजिडेंशियल प्लॉट, बैंगलोर में 1 प्रीमियम अपार्टमेंट और 1 प्लॉट, गुवाहाटी में 4 अपार्टमेंट और 2 प्लॉट, तथा इम्फाल पश्चिम में 2 होमस्टेड प्लॉट और 1 कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। इसके अलावा, 6 हाई-एंड लग्जरी वाहनों के स्वामित्व/निवेश से जुड़े कागजात, लाखों की कीमत की दो महंगी घड़ियां, और 100 ग्राम की चांदी की पट्टी भी बरामद हुई है।
निजी कंपनी से रिश्वत की मांग की थी
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, आरोपी अधिकारी और उनके परिवार के नाम पर खरीदी गई अधिकांश संपत्तियों की कीमतें कागजों में वास्तविक मूल्य से काफी कम दिखाई गई हैं। एजेंसी ने संपत्तियों की वैल्यूएशन और स्रोत का सत्यापन शुरू कर दिया है। CBI ने बताया कि जांच एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर शुरू की गई थी। आरोप है कि आरोपी अधिकारी ने एक निजी कंपनी से रिश्वत की मांग की थी, जो असम राज्य में नेशनल हाईवे परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। मामला विशेष रूप से डेमो से मोरन बाईपास के बीच नेशनल हाईवे-37 को चार लेन में अपग्रेड करने से जुड़ा है।
10 लाख रुपये की रिश्वत दी थी
सूत्रों के अनुसार, संबंधित प्राइवेट कंपनी ने समय सीमा बढ़ाने (Extension of Time – EOT) और परियोजना के कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने के लिए आरोपी अधिकारी को 10 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। CBI ने उसी दिन जाल बिछाकर आरोपी को एक निजी व्यक्ति के साथ रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। दोनों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। एजेंसी ने बाद में आरोपी सरकारी अधिकारी, निजी व्यक्ति और संबंधित कंपनी के दो अन्य प्रतिनिधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
दोनों मुख्य आरोपियों को 15 अक्टूबर को स्पेशल जज, CBI कोर्ट, गुवाहाटी (असम) के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। CBI का कहना है कि प्रारंभिक जांच में आरोपी अधिकारी द्वारा विभिन्न शहरों में की गई अचल संपत्तियों में निवेश, महंगी गाड़ियों की खरीद और अन्य विलासिता से संबंधित खर्चों के प्राथमिक साक्ष्य मिले हैं। एजेंसी अब इस बात की तहकीकात कर रही है कि यह रकम कहां से आई और किन प्रोजेक्ट्स के दौरान अवैध कमाई की गई।
बैंक खातों का पूरा विवरण खंगाला जा रहा
अधिकारियों के मुताबिक, बरामद संपत्तियों और कैश की जांच के बाद इसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) का मामला भी बनाया जा सकता है। CBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं कि आरोपी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निजी लाभ के लिए सरकारी ठेकेदारों से रिश्वत ली। आगे की जांच में उसकी सम्पत्ति और बैंक खातों का पूरा विवरण खंगाला जा रहा है।”