वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की मुहिम तेज, शाहजहांपुर में 5 दिसंबर तक पूरी करने की तैयारीdh

सुप्रीम कोर्ट से कोई रोक नहीं लगने के बाद अब वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का काम पूरे जोर पर शुरू हो गया है. शाहजहांपुर में इसको लेकर वक्फ कोऑर्डिनेटरों की एक अहम बैठक हुई.

सुप्रीम कोर्ट से कोई रोक नहीं लगने के बाद अब वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का काम पूरे जोर पर शुरू हो गया है. शाहजहांपुर में इसको लेकर वक्फ कोऑर्डिनेटरों की एक अहम बैठक हुई.

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Dheeraj Sharma
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सुप्रीम कोर्ट से कोई रोक नहीं लगने के बाद अब वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का काम पूरे जोर पर शुरू हो गया है. शाहजहांपुर में इसको लेकर वक्फ कोऑर्डिनेटरों की एक अहम बैठक हुई. बैठक में जिले के सभी मुतवल्लियों को बताया गया कि उन्हें अपनी वक्फ संपत्तियां 5 दिसंबर 2025 तक उम्मीद पोर्टल पर दर्ज करनी होंगी. 

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सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है मामला

केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद नया वक्फ संशोधन कानून लागू किया था. इस कानून को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन अदालत ने वक्फ संपत्तियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके बाद अब सभी राज्यों में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज हो गई है.

उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की संख्या बहुत अधिक है और इनमें कई संपत्तियां बेहद कीमती हैं. शाहजहांपुर में हुई बैठक में कोऑर्डिनेटरों ने बताया कि जिले के 749 मुतवल्लियों को अपनी संपत्तियों को ऑनलाइन दर्ज कराना जरूरी है. इस काम के लिए 14 अक्टूबर 2025 को एक विशेष मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें सभी मुतवल्लियों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया समझाई जाएगी.

शाहजहांपुर में 947 संपत्तियां 

जानकारी के अनुसार, शाहजहांपुर में अब तक 2585 वक्फ संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 947 संपत्तियां शहर क्षेत्र में हैं, जबकि 231 संपत्तियां अभी तक अनरजिस्टर्ड हैं और उन पर किसी मुतवल्ली की नियुक्ति भी नहीं है.

वक्फ कमेटी के सदस्यों ने बताया कि जो लोग अपनी संपत्तियों का पंजीकरण तय समय पर नहीं कराएंगे, उन पर वक्फ अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें 6 महीने तक की जेल या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

डिजिटल रजिस्ट्रेशन संपत्तियों का रिकॉर्ड

अधिकारियों का कहना है कि उम्मीद पोर्टल पर डिजिटल रजिस्ट्रेशन से संपत्तियों का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा और भविष्य में विवादों से भी बचा जा सकेगा. इसके साथ ही मुतवल्लियों को अपनी जिम्मेदारियों और संपत्तियों की स्थिति की सही जानकारी भी मिलती रहेगी.

रिपोर्ट - उवैसी अली 

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