2027 की पहली डिजिटल जनगणना के लिए केंद्र ने 11,718 करोड़ रुपये किए मंजूर, कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला

Census 2027: 2027 की जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी. जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. यह दो चरणों में आयोजित की जाएगी.

Census 2027: 2027 की जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी. जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. यह दो चरणों में आयोजित की जाएगी.

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Ravi Prashant
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Union Minister Ashwini Vaishnav

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव Photograph: (ANI)

Census 2027: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने साल 2027 की जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया है. यह देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसके डिजाइन में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है.

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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वर्ष 2027 की जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये का विशाल बजट को मंजूरी दे दी है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि जनगणना देश की प्रशासनिक और विकास नीतियों की रीढ़ है. उन्होंने इसे भारत की पहली पूर्ण डिजिटल जनगणना बताते हुए कहा कि यह कदम प्रशासनिक क्षमता को डिजिटल युग के अनुरूप नया आयाम देगा. जनगणना 00:00 घंटे, 1 मार्च 2027 को संदर्भ तिथि मानकर की जाएगी.

आखिर बार जनगणना 2011 में हुआ था

भारत में जनगणना का इतिहास 150 वर्षों से भी अधिक पुराना है, और वर्ष 2027 की जनगणना इस क्रम में 16वीं तथा स्वतंत्रता के बाद आठवीं होगी. अंतिम बार देशव्यापी जनगणना 2011 में की गई थी, जबकि 2021 की जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी. मंत्री वैष्णव ने कहा कि नियमित अंतराल पर जनगणना न केवल जनसांख्यिकीय परिवर्तनों का विवरण प्रस्तुत करती है, बल्कि नीतिगत योजना, सरकारी सहायता, शहरी विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक गतिविधियों के लिए विश्वसनीय आधार तैयार करती है.

दो चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया

सरकार ने स्पष्ट किया है कि जनगणना को दो चरणों में संचालित किया जाएगा. पहले चरण में अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच मकानों की सूचीकरण और आवास जनगणना का काम होगा. यह चरण देश के प्रत्येक गांव, कस्बे और शहर के भौतिक एवं सामाजिक संरचना की विस्तृत जानकारी एकत्र करेगा. दूसरा चरण फरवरी 2027 में किया जाएगा, जिसमें घर-घर जाकर जनसंख्या का विस्तृत डेटा एकत्र किया जाएगा. इन दोनों चरणों के संयुक्त परिणाम से राष्ट्रीय स्तर पर सटीक और क्षेत्रवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी.

पहली बार होगा डिजिटल प्लेटफॉर्म का यूज

केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बार संपूर्ण जनगणना डिजिटल माध्यम से होगी, जिससे डेटा संग्रहण तेज़, सटीक और पारदर्शी होने की उम्मीद है. अधिकारियों के अनुसार, डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग सर्वेक्षण प्रक्रिया को अधिक सक्षम और कुशल बनाएगा. डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिससे नागरिकों की जानकारी सुरक्षित रहे. यह डिजिटलीकरण भविष्य की नीतियों और सरकारी योजनाओं के निर्माण में बेहतर गुणवत्ता वाला डेटा उपलब्ध कराने में सहायक होगा.

जनगणना बदलते भारत की नई तस्वीर होगी

जनगणना का संचालन Census Act, 1948 और Census Rules, 1990 के तहत किया जाता है, जो इस पूरे अभियान को कानूनी संरक्षण और संरचित प्रक्रिया प्रदान करते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि 2027 की डिजिटल जनगणना भारत की शासन प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी. यह न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगी, बल्कि राष्ट्रीय योजनाओं और बजटीय आवंटन में साक्ष्य-आधारित निर्णयों को भी सुदृढ़ बनाएगी.

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