अटारी-वाघा सीमा पर BSF ने किसानों को दिया आदेश, दो दिन में फसल काट लें

अटारी-वाघा सीमा के करीब रोड़ावाला गांव के गुरुद्वारा साहिब में एक अहम ऐलान किया गया है. यह ऐलान पहलगाम में हुई आतंकी वारदात के बाद सामने आया है. 

अटारी-वाघा सीमा के करीब रोड़ावाला गांव के गुरुद्वारा साहिब में एक अहम ऐलान किया गया है. यह ऐलान पहलगाम में हुई आतंकी वारदात के बाद सामने आया है. 

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Mohit Saxena
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bsf (social media)

अटारी-वाघा सीमा के पास रोड़ावाला गांव के गुरुद्वारा साहिब में एक अहम ऐलान किया गया है. यह ऐलान पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद सामने आया है. गांव के सरपंच तरसेम सिंह ने गुरुद्वारा साहिब में बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के अधिकारियों के निर्देश पर यह ऐलान किया है. घोषणा के अनुसार, जिन किसानों की जमीन भारत-पाकिस्तान सीमा के तारों के उस पार है. 

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उन्हें दो दिनों के अंदर अपनी फसल काटनी होगी. इसके बाद सीमा को पूरी तरह से बंद किया जाएगा. किसी भी किसान को फसल काटने की अनुमति नहीं होगी. गुरुद्वारा साहिब के बाबा ने इस दौरान मौजूद लोगों को इस आदेश की गंभीरता को समझाने हुए तुरंत कार्रवाई करने की अपील की. 

अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं

रोड़ावाला गांव के सरपंच तरसेम सिंह ने मीडिया को बताया कि बीएसएफ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं. जिन किसानों की जमीन सीमा पार है, वे दो दिन के अंदर अपनी फसल काट लें. इसके बाद गेट बंद किया जाएगा. किसी को भी यहां पर जाने की अनुमति नहीं होगी. यह काफी कठिन समय है.  देश और सुरक्षा प्राथमिकता है. ऐसे में हमने अपने किसानों से अपील की है कि वे जल्द अपनी फसलों की कटाई पूरी कर लें. 

इस ऐलान के बाद गांव के किसानों में तेजी से फसल कटाई का काम आरंभ हो चुका है. गांव के एक किसान हरदेव सिंह ने मीडिया को बताया कि उनकी जमीन बाड़ के उस पार है. बीएसएफ के आदेश पर उन्होंने तुरंत अपनी फसल काटना आरंभ कर दिया है. पहलगाम में हुई घटना बेहद निंदनीय है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बीएसएफ के हर आदेश का पालन करने को राजी है. 

सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जा रहा

पहलगाम में हुई घटना ने सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया है, जिसके चलते सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जा रहा है. बीएसएफ के इस कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि, यह आदेश उन किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण है, जिनकी आजीविका उनकी सीमा पार की जमीन पर निर्भर है. दो दिन की समय सीमा के भीतर फसल काटना आसान नहीं है, लेकिन किसान बीएसएफ के निर्देशों का पालन करने की बात कह रहे है.

 

BSF
      
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