केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पुष्टि की कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को नष्ट करने को लेकर स्वदेशी रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया गया था. गुजरात के अहमदाबाद में अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कहा कि चीन से उधार लिया गया पाकिस्तान का वायु रक्षा सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उपयोग नहीं हो पाई. इससे आतंकवाद पर उसका झूठ विश्व के सामने आया.
कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचाया
गृह मंत्री ने कहा, "जबकि हमारे स्वदेशी रूप से विकसित ब्रह्मोस (सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम) ने पाकिस्तान के एयरबेस को नष्ट करने का काम किया. चीन से उधार ली गई हमारी वायु रक्षा प्रणाली अप्रयुक्त रह गई. हमारी वायु सेना ने सटीक हमले किए और पाकिस्तान के कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचाया. इन्हें अभेद्य माना जाता था.
अमित शाह ने कहा, जब सीमा सुरक्षा पर इतिहास लिखा जाएगा तो ऑपरेशन सिंदूर को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमले अतीत में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तक ही सीमित थे. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की सीमा में 100 किलोमीटर अंदर तक प्रवेश किया. इसके साथ आतंकवादियों और उनके ठिकानों को नष्ट कर दिया.
शाह ने कहा, "पाकिस्तान पूरी दुनिया को बताता था कि उसके यहां कोई आतंकवादी गतिविधि नहीं होती और भारत पर झूठी शिकायतें करने का आरोप था. इस बार 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत मिसाइलों से आतंकवादियों का खात्मा किया गया और पाकिस्तान की पोल दुनिया के सामने खुल गई." उन्होंने कहा कि अगले दिन पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अफसर आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंच गए और प्रार्थना की.
आतंकवाद के बीच गठजोड़ उजागर हुआ
इससे पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच गठजोड़ उजागर हुआ. पूरी दुनिया को पता चला कि पाकिस्तान आतंकवादियों के अड्डे चलाता है". ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से ऑपरेशन सिंदूर आरंभ किया गया था. इसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे. सशस्त्र बलों ने सात मई की सुबह पीओके और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. इसमें नौ स्थानों पर 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.
इस अभियान ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को नष्ट कर दिया, जहाँ से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें निर्देशित किया गया. प्रारंभिक भारतीय हमलों के बाद, इस्लामाबाद ने 10 मई तक कई बार भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने उनके प्रयासों को विफल कर दिया. जवाबी कार्रवाई में, सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में कई सैन्य ठिकानों को तब तक नष्ट कर दिया जब तक कि 10 मई को दोनों देशों के बीच शत्रुता समाप्त करने के लिए सहमति नहीं बन गई.