पाकिस्तान में ब्लास्ट "आतंकी हमला" और भारत में विस्फोट "Terrible Explosion" , अमेरिका का ऐसा रुख?

दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत के बाद अमेरिकी दूतावास की प्रतिक्रिया ने भारत में नाराजगी पैदा कर दी है. सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या ये अमेरिका का पोस्ट भारत के लिए था?

दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत के बाद अमेरिकी दूतावास की प्रतिक्रिया ने भारत में नाराजगी पैदा कर दी है. सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या ये अमेरिका का पोस्ट भारत के लिए था?

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Ravi Prashant
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दिल्ली ब्लास्ट Photograph: (ANi)

दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत के बाद अमेरिकी दूतावास की प्रतिक्रिया ने भारत में नाराजगी पैदा कर दी है. सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं जब वॉशिंगटन इस्लामाबाद के धमाके को ‘आतंकी हमला’ कहता है, तो दिल्ली के बीचोंबीच हुए ब्लास्ट को सिर्फ एक ‘दुःखद हादसा’ क्यों बताया गया?

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अमेरिका ने क्या लिखा? 

एक दिन देर से आया अमेरिकी पोस्ट, और वो भी बिना ‘terrorism’ शब्द के. सोमवार शाम दिल्ली के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाके रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास कार धमाका हुआ, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई. पर अमेरिकी दूतावास का X (ट्विटर) पोस्ट अगले दिन आया- “Our thoughts and prayers are with the families of those who were lost in the terrible explosion in New Delhi last night. We wish a swift recovery to those who were injured.”— Ambassador Sergio Gor

लोगों ने तुरंत सवाल उठाया  “ये हादसा नहीं, आतंक था! तो फिर US Embassy ने इसे ‘terrible explosion’ क्यों कहा, ‘terror attack’ क्यों नहीं?”

पाकिस्तान पर हमला

इसी दौरान इस्लामाबाद की अदालत में धमाके पर US Embassy Pakistan ने जो बयान दिया, उसने भारत में आग में घी डालने का काम किया. “The United States stands in solidarity with Pakistan in the struggle against terrorism… We condemn this attack and all forms of terrorism.” भारत में लोगों ने तुलना शुरू कर दी— दिल्ली में हमला = prayers, पाकिस्तान में हमला = solidarity against terrorism.

सोशल मीडिया पर नाराज़गी की बाढ़

बैंकर शिवा मुद्गिल ने लिखा— “भारत में आतंकी हमला हुआ, लेकिन US दूतावास को ट्वीट करने में एक दिन लग गया. पाकिस्तान के लिए तुरंत बयान आ गया. लगता है, भारत में आतंक को वे अलग चश्मे से देखते हैं.”

वहीं, शेफाली सिंह ने कहा— “जब कोई धमाका राजधानी में 9 लोगों की जान ले ले, तो उसे ‘terror attack’ कहना चाहिए था। शब्दों में फर्क ही असली नीति दिखाता है.”

अमेरिका का दोहरा रवैया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही भारत को महत्वपूर्ण सुरक्षा साझेदार कहा हो, लेकिन उन्होंने रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत पर भारी टैरिफ लगा दिए थे. इसके बावजूद ट्रंप पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसीम मुनीर को अपना “फेवरेट फील्ड मार्शल” बताते हैं जबकि वही पाकिस्तान भारत में आतंकी नेटवर्क को पोषण देता है. 

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