Blackout: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और आतंक समर्थित पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में भारत ने पाकिस्तान को उसकी करतूत के लिए सबक सिखाने का ऐलान किया है. इस क्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के 244 जिलों में 7 मई को विशेष अभ्यास की घोषणा कि है, जिसको सिविल डिफेंस ट्रेनिंग या मॉक ड्रिल का नाम दिया गया है. इस मॉक ड्रिल का मकसद देश के नागरिकों को युद्ध जैसे हालातों से निपटने की ट्रेनिंग देना है, ताकि वो हर स्थिति के लिए तैयार रहें. इस ड्रिल का सबसे अहम हिस्सा ब्लैकआउट है.
क्या होता है ब्लॉकआउट
दरअसल, जब किसी भी देश पर हमला या युद्ध का खतरा मंडराता है तो दुश्मन सेना सबसे पहले सिविलियंस को निशाना बनाती है. इसके लिए जमीन पर मौजूद रोशनी को मॉनिटर किया जाता है. शहरों की लाइटें, गाड़ियों की लाइटें, घरों की रोशनी आदि की पहचान करके दुश्मन टारगेट अटैक करता है. ब्लॉकाउट नागरिकों को इस खतरे से बचाने के लिए किया जाता है. ऐसे सरकार की तरफ से कुछ जरूरी दिशा निर्देश दिए जाते हैं जैसे कि घरों की लाइट बंद रखें, खिड़कियों पर परदे डालें और गाड़ियों की लाइट ऑफ रखें आदि.
क्या करें-
- -सभी लाइटें और बिजली उपकरण तुरंत बंद करें- घर, दुकान, वाहन, मोबाइल की फ्लैशलाइट आदि.
- - इनवर्टर व जनरेटर बंद करें ताकि बाहरी रोशनी समाप्त हो सके.
- - खिड़कियों व दरवाजों के परदे बंद करें ताकि रोशनी बाहर न दिखे.
- -वाहन चला रहे हैं तो तुरंत किनारे लगाकर बंद कर दें, हेडलाइट और इंडिकेटर बंद रखें.
- - सभी सदस्यों को एक जगह सुरक्षित रखें- विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को.
- - रेडियो, मोबाइल या अन्य माध्यमों से सरकारी निर्देश सुनते रहें.
- - पड़ोसियों को भी सतर्क करें, विशेषकर अकेले रह रहे लोगों को.
- - जरूरी दवाइयां और टॉर्च आदि सामान पहले से तैयार रखें.
क्या न करें-
- - ब्लैकआउट के दौरान किसी भी प्रकार की रोशनी जलाना- मौमबत्ती, टॉर्च व लाइटर आदि.
- - बाहर निकलकर सड़क पर घूमना या शोर मचाना.
- - वाहन चालू रखना या उसकी लाइट जलाना.
- - अफवाहें फैलाना या भ्रामक जानकारी शेयर करना- सोशल मीडिया पर भी नहीं.
- - बिना आवश्यक कारण के फोन कॉल करना- आपात सेवाओं की लाइन व्यवस्त न करें.
- - किसी भी संदिग्ध वस्तु को छूना या उठाना.
- - सरकारी निर्देशों की अनदेखी करना.