जगन्नाथ मंदिर को लेकर भाजपा-टीएमसी में टकराव, इस बात पर दोनों पार्टियां आमने-सामने

जगन्नाथ मंदिर को लेकर बंगाल में घमासान मचा हुआ है. भाजपा और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. आखिर क्या है पूरा मामला. आइये जानते हैं…

author-image
Jalaj Kumar Mishra
New Update
BJP Slams TMC over construction of Jagannath Temple Replica in Digha West bengal

Suvendu Adhikari and Mamata Banerjee (File)

चारधाम में शामिल जगन्नाथ मंदिर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल के दीघा में जगन्नाथ मंदिर जैसा ही मंदिर बनाया जा रहा है. इसी वजह से भाजपा और टीएमसी बंगाल में आमने-सामने आ गए हैं. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मामले में कहा कि पुरी का जगन्नाथ मंदिर चारधाम में से एक है और इसका रेप्लिका बनाना अस्वीकार्य है.  

Advertisment

भाजपा नेता ने काह कि धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. भाजपा नेता ने चेतावनी दी है कि वे पुरी से पुजारियों को लेकर आएंगे और टीएमसी की कार्रवाई को उजागर करेंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि वे टीएमसी की कार्रवाई के विरोध में पुरी के पुजारियों के साथ दीघा में एक धार्मिक सबा आयोजित करेंगे. 

ममता बनर्जी ने किया ये ऐलान

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मंदिर का उद्घाटन 30 अप्रैल 2025 को किया जाएगा. बुधवार को मंदिर निर्माण के प्रगति की समीक्षा करने के लिए ममता वहां गईं थी. उनके साथ इस्कॉन मंदिर के अधिकारी भी थे. टीएमसी प्रमुख ने कहा कि पुरी का जगन्नाथ मंदिर प्रसिद्ध है. लेकिन यह मंदिर भी अलग और अनोखा है. मंदिर को अलग-अलग खंडों में विभाजित किया जाएगा. पुरी में भगवान को खाजा चढ़ाया जाता है लेकिन इस मंदिर में भगवान को गुजिया और पेड़े का भोग लगाया जाएगा. बता दें, मंदिर निर्माण के लिए बंगाल सरकार ने 250 करोड़ रुपये दिए हैं. समुद्र तट के पास 20 एकड़ में बन रहा मंदिर ओडिशा की सीमा के पास है.

अब आप यह खबर भी पढ़ें-  Parbhani Violence: संविधान के अपमान से महाराष्ट्र में घमासान, परभणी में पथराव और आगजनी से बिगड़े हालात

सोने के झाड़ू के लिए पांच लाख रुपये देंगी ममता

मंदिर के निर्माण प्रगति देखने के लिए दीघा आई ममता बनर्जी ने मंदिर की औपचारिक स्वर्ण झाड़ू के लिए पांच लाख रुपये के दान का ऐलान किया. झाड़ू के इस्तेमाल पुरी में हर साल रथ यात्रा से पहले जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को साफ करने के लिए किया जाता है.

अब आप यह खबर भी पढ़ें- इस्राइल ने गाजा के शरणार्थी शिविर पर किया ताबड़तोड़ हमला, अलग-अलग दो अटैक्स में 45 लोगों की मौत

इस्कॉन पदाधिकारी की आलोचना

इस्कॉन पदाधिकारी राधारमण दास का सीएम बनर्जी के साथ रहना सुवेंदु को अच्छा नहीं लगा. उन्होंने आलोचना करते हुए सवाल किया कि इस्कॉन के अधिकारी जगन्नाथ मंदिर के रेप्लिका बनाने का विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं.

अब आप यह खबर भी पढ़ें- US: फलस्तीन के समर्थन में निबंध लिखना छात्र को पड़ा भारी, कैंब्रिज की यूनिवर्सिटी ने दी ये कड़ी सजा

Jagannath Temple Jagannath
      
Advertisment