Controversy: ' चिनाब का पानी रोकोगे तो रखोगे कहां- मत करो युद्ध ', अरशद मदनी के बयान पर भाजपा का पलटवार, कहा- माफी मांगें

सिंधु जलसंधि पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ के बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई है. भाजपा ने कहा कि उनके बयान से मुस्लिम समाज में भी गुस्सा है.

सिंधु जलसंधि पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ के बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई है. भाजपा ने कहा कि उनके बयान से मुस्लिम समाज में भी गुस्सा है.

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Jalaj Kumar Mishra
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BJP slams arshad madani over remarks on indus water treaty

Arshad Madani and Shahnawaz Hussain (file)

जमीयत उलेमा-ए-हिंद चीफ मौलाना अरशद मदनी के बयान पर सियासत गर्मा गई है. भाजपा ने उनके बयान को आपत्तिजनक बताया है. सिंधु जलसंधि रद्द करने के भारत सरकार के फैसले पर मदनी ने एक दिन पहले कहा था कि पानी रोका जाना सही नहीं है. भाजपा ने इस बयान की आलोचना की है. 

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मदनी ने कहा था कि ये नदियां हजारों वर्षों से बह रही हैं. उनका पानी आप कहां लेकर जाएंगे. उनके इस बयान पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान हमारा खून बहार और हम उसका पानी भी बंद न करें. ये किस तरह की सलाह हुई. वे कह रहे हैं कि युद्ध नहीं होना चाहिए. पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं होना चाहिए. बता दें. पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का माहौल है. पाकिस्तान को आशंका है कि भारत कभी भी उन पर हमला कर सकता है. 

मदनी को माफी मांगनी चाहिए

भाजपा नेता हुसैन ने आगे कहा कि मदनी ने जैसी बयानबाजी की है, उससे मुस्लिम समाज में भी जमीयत उलेमा-ए-हिंद को लेकर गुस्सा है. क्योंकि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई पूरा देश हमले के खिलाफ एकजुट है. मदनी को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.

'नफरत की हुकूमत नहीं होनी चाहिए'

अरशद मदनी ने सिंधु जल समझौते पर कहा था कि दरियाओं को कहां ले जाओगे. हुकूमत प्यार-मोहब्बत की होनी चाहिए. हुकूमत नफरत की नहीं चाहिए. हजारों वर्षों से सतलज, चेनाब, झेलम, रावी और व्यास नदी बह रही है. वहां जाकर दरिया-ए-सिंध बनता है. पानी को रोकना इतना आसान है क्या.



Arshad Madani Shahnawaz Hussain
      
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