पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में भारत के साथ हुए संघर्ष के संदर्भ में अपने पक्ष को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसके लिए पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को चुना है. यह कदम भारत की नीतियों की नकल करते हुए लिया गया है, क्योंकि भारत पहले ही इस दिशा में अपने प्रतिनिधिमंडल के गठन की घोषणा कर चुका है, जिसमें शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता शामिल हैं.
बिलावल भुट्टो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी कि पीएम शहबाज शरीफ ने उनसे संपर्क किया और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का अनुरोध किया.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बिलावल ने लिखा, "प्रधानमंत्री ने मुझसे अनुरोध किया कि मैं पाकिस्तान की शांति के लिए इस मामले को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूं. मैं इस जिम्मेदारी को स्वीकार करता हूं और पाकिस्तान की सेवा में अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं."
बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक परिवार (भुट्टो-जरदारी परिवार) से आते हैं और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन हैं. वे पूर्व में पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं.