भारतीय आर्य विज्ञान अकादमी ने सोमवार को अपने 65वें स्थापना दिवस का आयोजन किया. इस खास मौके पर संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ. नीरज बतला ने महिलाओं में तेजी से बढ़ रहे कैंसर की समस्या को लेकर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि समय रहते जागरूकता, जांच और टीकाकरण को अपनाकर महिलाओं से जुड़े अधिकांश कैंसर को रोका जा सकता है.
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है वैक्सीन
डॉ. बतला ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए एचपीवी वैक्सीन बहुत ही जरूरी है. अगर 15 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को इसकी एक खुराक दे दी जाए तो वे इस बीमारी से लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती हैं. वहीं, बड़ी उम्र की महिलाओं के लिए इसकी दो डोज लेना अनिवार्य है. यह कैंसर पीरियड्स के दौरान या उसके बाद नियमित जांच के जरिए पहचाना जा सकता है.
प्रारंभिक जांच से मिल सकती है 15 साल पहले की चेतावनी
उन्होंने कहा कि आधुनिक जांच तकनीकों की मदद से कैंसर के लक्षणों का पता उसकी शुरुआत से करीब 15 साल पहले लगाया जा सकता है. टेक केयर जैसे कुछ हेल्थ सेंटरों में कुछ घंटों की प्रक्रिया में सुरक्षित तरीके से यह जांच संभव है.
ब्रेस्ट कैंसर: खुद की सतर्कता से बचाव संभव
ब्रेस्ट कैंसर पर बात करते हुए डॉ. बतला ने महिलाओं को सलाह दी कि वे अपने शरीर में हो रहे बदलावों को समझें. स्तनों या नितंबों में अगर कोई गांठ महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. स्वयं जांच करने की आदत इस बीमारी को शुरुआती चरण में पकड़ने में सहायक हो सकती है.
ओवरी कैंसर की पहचान अब भी मुश्किल
डॉ. बतला ने ओवरी कैंसर को सबसे जटिल बताया. उन्होंने कहा कि पेट में गैस या सूजन जैसी सामान्य लगने वाली समस्याएं इसके शुरुआती संकेत हो सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है.
जीवनशैली में सुधार से भी कैंसर पर नियंत्रण
अंत में उन्होंने कहा कि अस्वस्थ जीवनशैली जैसे मोटापा, मधुमेह, धूम्रपान आदि कैंसर को बढ़ावा देते हैं. यदि समय रहते खानपान सुधारें और नियमित व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, तो कई तरह के कैंसर से बचा जा सकता है.