भारत ने मेड इन इंडिया अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम भार्गवास्त्र का सफल परीक्षण किया है. इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. इस मिसाइल की खासियत है कि यह एक काउंटर ड्रोन सिस्टम है जो आवाज की रफ्तार से पांच गुना तेज उड़ान भरती है. इसके साथ सटीकता के साथ टार्गेट को भेदने मे सक्षम है. इसको DRDO यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की ओर से तैयार किया गया है. परीक्षण में भार्गवास्त्र सभी तरह मांपदंडों पर खरा उतरा है. इससे भारत की सामरिक शक्ति में इजाफा होगा. इस सिस्टम से चीन, तुर्की और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के ड्रोन हमलों को आसानी से विफल किया जा सकता है.
यह काउंटर ड्रोन सिस्टम है. भार्गवस्त्र सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (एसडीएएल) की ओर से डिजाइन किया गया है. यह सिस्टम ड्रोन झुंडों के बढ़ते खतरे से निपटने में सक्षम है. इस काउंटर ड्रोन सिस्टम में उपयोग किए गए माइक्रो रॉकेटों का ओडिशा के गोपालपुर में सीवर्ड फायरिंग रेंज में कई परीक्षण किए गए. ऐसा दावा किया गया कि इन परीक्षणों के दौरान सभी ने तय लक्ष्य को पूरा किया है.
भार्गवास्त्र ने पास किए तीन परीक्षण
13 मई को गोपालपुर में आर्मी एयर डिफेंस के वरिष्ठ अफसर की मौजूदगी में रॉकेट के तीन टेस्ट किए गए. एक-एक रॉकेट दागकर दो और टेस्ट किए गए. एक परीक्षण दो सेकंड के अंदर साल्वो मोड में दो रॉकेट दागकर किया गया. सभी रॉकेटों ने उम्मीद के तहत प्रदर्शन किया. बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को कम कम करने में यह एडवांस तकनीक काफी कारगर होगी.
भार्गवस्त्र में 2.5 किलोमीटर की दूरी तक छोटे आने वाले ड्रोन का पता लगाया जा सकता है. इसके साथ उन्हें नष्ट भी कर सकता है. इसकी मदद से बिना निर्देशित माइक्रो रॉकेट का उपयोग करके 20 मीटर के रेडियस वाले ड्रोन झुंड को बेअसर किया जा सकता है. इतना ही नहीं यह बेहद सीटकता के साथ प्रभावशाली ढंग से काम करता है. यह दुश्मन के ड्रोन को पलक झपकते गिरा सकता है.