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Bengaluru Metro: बंगलुरू मेट्रो इन दिनों सुर्खियों में है. वजह है- किराया बढ़ोत्तरी. नए किराये के बाद बंगलुरू मेट्रो देश की सबसे महंगी मेट्रो सेवा बन गई है. इस वजह से बंगलुरू में विवाद छिड़ा हुआ है. राजनीतिक गलियारों से लेकर उद्योग जगत और आम आदमी तक इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं.
मामले में भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि बंगलुरू मेट्रो का किराया बढ़ाकर इसे देश की सबसे महंगी मेट्रो बना दिया गया है. बंगलुरू की तरह दिल्ली मेट्रो ने कभी भी अपने यात्रियों पर इतना बोझ नहीं डाला. वहां का अधिकतम किराया ही 60 रुपये है. सूर्या ने कहा कि हर रोज जो यात्री 25 किलोमीटर से अधिक का सफर करते हैं, उन्हें करीब 90 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. महंगे किराये के वजह से ही सार्वजनिक परिवहन छोड़कर लोग निजी वाहनों की ओर बढ़ रहे हैं.
कोलकाता में सिर्फ 15 रुपये मेट्रो का अधिकांश किराया
कॉइनस्विच के सह-संस्थापक आशीष सिंघ ने भी किराये की वृद्धि पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि अधिकतम किराया सीधा 60 रुपये से 90 रुपये हो गया है. वहीं, दिल्ली में ये केवल 60 रुपये, मुंबई में 50 रुपये तो कोलकाता में सिर्फ 15 रुपये है. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के लोग दिल्ली के लोगों की तुलना में दोगुना किराया दे रहे हैं.
जानें क्या बोली मेट्रो कंपनी
बंगलुरू मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने किराया बढ़ोत्तरी के अपने फैसले का बचाव किया है. कंपनी ने कहा कि 2017 से अब तक के खर्चों में 133 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. इसमें कर्मचारियों की सैलरी, बिजली और रखरखाव भी शामिल हैं. इसके अलावा, नेटवर्क विस्तार के साथ प्रति किलोमीटर इसके राजस्व और यात्रियों की संख्या बढ़ी है.
2026 से हर साल बढ़ सकता है किराया
आलोचका का कहना है कि सार्वजनिक परिवहन सस्ता होना चाहिए. यात्रियों के पास मेट्रो के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं है, जिस वजह से मजबूरी में वे बढ़ा हुआ किराया देने के लिए बाध्य हैं. लोगों का कहना है कि सुनने में आया है कि 2026 से हर साल 5 प्रतिशत किराया खुद ही बढ़ जाएगा, जिससे यात्रियों पर और बोझ पड़ेगा. वहीं, मेट्रो कंपनी ने कहा कि अगर हर साल संशोधन नहीं हुआ तो 577 करोड़ का उसे नुकसान झेलना पड़ेगा.