Axiom-4 mission: शुभांशु शुक्ला से 41 साल पहले इस भारतीय ने भरी थी अंतरिक्ष में उड़ान, चांद का कर चुके हैं सफर

Axiom-4 mission: लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के साथ अंतरिक्ष के सफर पर निकल चुके हैं. लेकिन उनसे 41 साल पहले एक भारतीय ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी. जिनका नाम राकेश शर्मा है. वह 1984 में चंद्रमा पर गए थे.

Axiom-4 mission: लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के साथ अंतरिक्ष के सफर पर निकल चुके हैं. लेकिन उनसे 41 साल पहले एक भारतीय ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी. जिनका नाम राकेश शर्मा है. वह 1984 में चंद्रमा पर गए थे.

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Suhel Khan
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shubhanshu shukla and Rakesh Sharma

शुभांशु शुक्ला से 40 साल पहले राकेश शर्मा ने भरी थी अंतरिक्ष में उड़ान Photograph: (Social Media/File Photo)

Axiom-4 mission: भारत के लिए बुधवार (25 जून) का दिन एतिहास बन गया. क्योंकि 41 साल बाद कोई भी भारतीय पहली बार अंतरिक्ष के सफर पर रवाना हुआ. दरअसल, एक्सिओम-4 मिशन के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बुधवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए रवाना हुए. शुभांशु शुक्ला से पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बन गए है.

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उन्होंने अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से एक्सिओम मिशन 4 के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरी. जहां वह आठ दिन बिताएंगे. ऐसे में उस भारतीय को याद करना भी स्वभाविक जो पहली बार अंतरिक्ष में गया था. दरअसल, 3 अप्रैल 1284 को स्क्वाड्रन लीडर और बाद में विंग कमांडर बने राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी.

जानें अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय के बारे में दिलचस्प तथ्य

भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी, 1949 को पंजाब के पटियाला हुआ था. साल 1966 में उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में प्रवेश लिया और 1970 में उन्हें भारतीय वायु सेना (IAF) में पायलट के रूप में नियुक्त किया गया. राकेश शर्मा के साथ सोवियत संघ के दो अंतरिक्ष यात्रियों ने 2 अप्रैल, 1984 को सोयूज टी-11 रॉकेट से अंतरिक्ष उड़ान भरी.

सैल्यूट 7 अंतरिक्ष स्टेशन के लिए आठ दिवसीय मिशन को इसरो और सोवियत इंटरकॉसमॉस के संयुक्त प्रयास से किया गया था. इस अंतरिक्ष मिशन के साथ राकेश शर्मा मैसूर की डिफेंस फूड रिसर्च लैब की मदद से भारतीय भोजन को अंतरिक्ष में ले गए. अंतरिक्ष में अपने प्रवास के दौरान, उन्होंने अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सूजी का हलवा, आलू छोले और पुलाव जैसे व्यंजनों का लुत्फ उठाया. जिन्हें लैब ने उनके लिए पैक किए थे. इसके साथ ही उन्होंने 'शून्य गुरुत्वाकर्षण योग' भी किया था.

जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष से वापस आए तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा था कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? तो उन्होंने अल्लामा इकबाल की कविता की एक पंक्ति सुनाई थी. उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया था कि, ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा' इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि अंतरिक्ष में पृथ्वी को देखने के लिए सबसे अच्छा समय सूर्योदय और सूर्यास्त का है.

बता दें कि अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय होने का गौरव प्राप्त करने के अलावा, राकेश शर्मा 'सोवियत संघ के हीरो' का सम्मान पाने वाले पहले भारतीय भी हैं. वहीं उनके साथी रूसी अंतरिक्ष यात्रियों को भारत के सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.

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