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Asia Power Index 2025: ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट की ओर से जारी एशिया पावर इंडेक्स 2025 में भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है. भारत को पहली बार 'मेजर पावर' यानी बड़ी शक्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इस उपलब्धि का आधार न सिर्फ भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, बल्कि उसकी सक्रिय सैन्य क्षमता और रणनीतिक दखल भी है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जापान और रूस जैसी पारंपरिक महाशक्तियों को पीछे छोड़ते हुए एशिया की तीसरी सबसे प्रभावशाली ताकत का स्थान हासिल कर लिया है.
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य क्षमता का वैश्विक प्रदर्शन
इंडेक्स में भारत की छलांग के पीछे ऑपरेशन सिंदूर को बड़ी वजह माना गया है. मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए इस अभियान में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था.
भारतीय वायुसेना और मिसाइल विंग ने पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य अड्डों पर गहरे प्रहार किए, जिससे पाकिस्तान की सैन्य संरचना हिल गई थी. हमलों की तीव्रता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के डीजीएमओ को तत्काल भारत से सीजफायर की अपील करनी पड़ी.
लोवी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि इस ऑपरेशन ने भारत की 'कॉम्बैट क्रेडिबिलिटी' और 'स्ट्रेटेजिक इन्फ्लुएंस' को तेजी से बढ़ाया, जो सीधे उसकी रैंकिंग में शामिल हुआ.
NEW RESEARCH: The @LowyInstitute has today released the 2025 edition of the Asia Power Index, authored by @SusannahCPatton & @JackRSato, which measures resources and influence to rank the relative power of states in Asia.
— The Lowy Institute (@LowyInstitute) November 25, 2025
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स्कोर 40 के पार- मिलिट्री सुपरपावर बनने की राह पर भारत
एशिया पावर इंडेक्स में ‘मेजर पावर’ बनने के लिए 40 अंकों का मानदंड तय है, जिसे भारत ने 2025 में हासिल कर लिया है.
- अमेरिका: 80.4
- चीन: 73.5
- भारत: 40
भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में 0.9 अंक की अभूतपूर्व बढ़त दर्ज की. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत आने वाले वर्षों में 40 के आंकड़े से आगे निकलता है, तो वह पूर्ण सैन्य महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढ़ा देगा.
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भी ऐतिहासिक छलांग
सिर्फ सैन्य क्षेत्र ही नहीं, आर्थिक मोर्चे पर भी भारत की स्थिति मजबूत हुई है. रिपोर्ट बताती है कि भारत अब विदेशी निवेश के लिए दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक गंतव्य बन चुका है-अमेरिका के बाद. चीन की आर्थिक अनिश्चितता, महंगे उत्पादन और भू-राजनीतिक तनावों के बीच, वैश्विक कंपनियां तेज़ी से भारत की ओर रुख कर रही हैं. ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है, और यह 2018 के बाद आर्थिक रैंकिंग में भारत की सबसे बड़ी प्रगति मानी जा रही है.
अमेरिकी प्रभाव में ऐतिहासिक गिरावट-चीन के लिए मौका
एशिया में अमेरिका की पकड़ अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. 2018 में इंडेक्स शुरू होने के बाद यह उसका सबसे कमजोर स्कोर है. दूसरी ओर, चीन अमेरिकी प्रतिबंधों और आर्थिक दवाब के बावजूद अपनी शक्ति बनाए रखने में सफल रहा है. ट्रंप प्रशासन की अप्रत्याशित नीतियों ने एशिया में अमेरिका की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया, जिसका सीधा लाभ चीन को मिला है.
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