Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी की ताकत (AAP) बढ़ाने के लिए युवाओं पर भरोसा जता रहे हैं. इसके लिए केजरीवाल ने मंगलवार को आप की स्टूडेंट्स विंग का एलान किया. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजन अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी की 'ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स' (ASAP) लॉच की. इसके जरिए आप देशभर के 50 हजार कॉलेजों में 5 लाख देशभक्त युवाओं को राजनीति के लिए तैयार करना चाहती है. जिससे पार्टी में वैकल्पिक राजनीति की नींव रखी जा सके.
युवाओं के बीच मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश
अब आम आदमी पार्टी युवाओं के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है. आने वाले दिनों में आप दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू समेत अन्य यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव में भी पार्टी की इसी विंग के जरिए चुनावी मैदान में उतरेगी. बता दें कि देशवासियों को वैकल्पिक राजनीति का विकल्प देने के लिए अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन किया.
केजरीवाल ने अपने आप को बेहतर बताते हुए लोगों के सामने वैकल्पिक राजनीति को चुनने की बात कही. इसके बाद आम आदमी पार्टी तेजी से उभरी और दिसंबर 2013 में पहले ही विधानसभा चुनाव में उतर गई. यही नहीं आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने के भी मौका मिला और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए. उसके बाद वह लगातार तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, लेकिन इस साल के शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा.
केजरीवाल, सिसोदिया समेत ये नेता रहे मौजूद
पार्टी की स्टूडेंट्स विंग का एलान दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में हुए एक कार्यक्रम में किया गया. जिसमें पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के अलावा पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और पार्टी नेता अवध ओझा भी मौजूदगी रहे. इस दौरान आप की स्टूडेंट्स विंग का लोगो भी जारी किया गया.
इस दौरान दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, यह युवाओं का प्रिय शब्द है, ASAP. उन्होंने कहा कि, "आज जहां भी रिफॉर्म की जरूरत है, वहां इसकी जरूरत है, हम लेट हो चुके हैं. जब-जब हम इस नाम को सोचेंगे यह हमें बताएगा कि समय नहीं है." सिसोदिया ने आगे कहा कि, 'मैं चाहूंगा कि एक दिन हर उस दिन यूनिवर्सिटी में जहां चुनाव होता है वहां से एएसएपी का अध्यक्ष, सेक्रेट्री, टीम जीतकर आए. जहां चुनाव नहीं भी होता है वहां हम वैकल्पिक राजनीति की बात करेंगे."