अरुणाचल प्रदेश सरकार ने ऑफिशियली अपनी न्यू टूरिज्म नीति का ऐलान किया है. इस नीति का लक्ष्य राज्यों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है. अरुणाचल प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक नया लोगो भी जारी किया है. ये राज्य के पर्यटन आकर्षणों और टूरिज्म एक्सपीरियंस को नया रूप देने की एक पहल है.
राज्य के पर्यटन मंत्री पासंग दोरजी सोना ने नीति की घोषणा की. उन्होंने कहा कि हमारी नई पर्यटन नीति का मुख्य उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है. इससे प्रदेश के प्राचीन परिदृश्यों, बायो-डायवर्सिटी, संपन्न आदिवासी संस्कृति आदि को बढ़ावा देना है. ऐसा करके हम घरेलू पर्यटकों की संख्या को दोगुना करने और इंटरनेशनल पर्यटकों की संख्या में 10 गुना वृद्धि कर सकते हैं.
इन पर्यटन क्षेत्रों को डेवलप करेगी सरकार
नई पर्यटन नीति में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न श्रेणियों पर जोर दिया गया है, जिनमें कृषि पर्यटन, वाइन पर्यटन, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन, फिल्म पर्यटन, इकोटूरिज्म, जनजातीय पर्यटन, MICE पर्यटन (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस, और इवेंट्स) और सीमा पर्यटन शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस नीति को सफल बनाने के लिए सरकार कौशल विकास को प्राथमिकता देगी.
पर्यटन में निवेश को प्रोत्साहन
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार निवेश का वातावरण बना रही है. भूमि बैंक जिला स्तर पर स्थापित किए जाएंगे, जिससे पर्यटन परियोजनाओं को आसान बनाया जा सकता है. भूमि बैंकों की जानकारी राज्य पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा.
सरकार अरुणाचल प्रदेश को प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाएगी. इसके लिए जोरदार प्रचार अभियान चलाया जाएगा. प्रचार के लिए सरकार ऑफलाइन और डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया पर प्रचार, इवेंट-आधारित प्रमोशन की मदद ली जाएगी.
भारत के अनदेखे पहलू को खोजने का मौका
पर्यटन विभाग के निदेशक आईएएस मंजूनाथ आर ने कहा कि अरुणाचल आदिवासी परंपराओं और संस्कृतियों का अनूठा संगम है. दुनिया को हमारी नई ब्रांडिंग भारत के अनदेखे पहलू को खोजने का निमंत्रण देती है. आज के पर्यटक एडवेंचरस यात्राओं की खोज में हैं. जो हम उन्हें देने के लिए तैयार हैं.