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क्या है भारत कनेक्शन? Photograph: (X)
आर्थिक संकट और भारी घाटे से जूझ रही पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस यानी PIA को आखिरकार बेच दिया गया है. इस्लामाबाद में आयोजित बिडिंग सेरेमनी में देश के जाने-माने बिजनेस टाइकून आरिफ हबीब के ग्रुप ने 135 अरब पाकिस्तानी रुपये में PIA की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली है.
135 अरब PKR में हुआ सौदा
सरकारी जानकारी के अनुसार, आरिफ हबीब ग्रुप इस बोली प्रक्रिया में सबसे बड़ा बिडर रहा. समझौते के तहत निवेशक को बाकी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है. इसके अलावा अगले पांच वर्षों में PIA में करीब 80 अरब पाकिस्तानी रुपये के अतिरिक्त निवेश की शर्त भी रखी गई है.
कभी दुनिया में था दबदबा
PIA कभी पाकिस्तान की पहचान मानी जाती थी और अंतरराष्ट्रीय एविएशन सेक्टर में इसका खास नाम था. लेकिन बीते वर्षों में सरकार की अनदेखी, खराब मैनेजमेंट, बढ़ते कर्ज और परिचालन घाटे ने एयरलाइंस की हालत लगातार खराब कर दी. हालात इतने बिगड़ गए कि सरकार को इसे बेचने का फैसला लेना पड़ा.
पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति का संकेत
एक्सपर्ट का मानना है कि सरकारी एयरलाइंस का निजीकरण पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति को भी दर्शाता है. लंबे समय से विदेशी कर्ज, महंगाई और वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए PIA को संभालना सरकार के लिए मुश्किल होता जा रहा था.
कौन हैं आरिफ हबीब?
आरिफ हबीब पाकिस्तान के प्रमुख उद्योगपतियों में शामिल हैं और देश के सबसे अमीर लोगों की सूची में उनका नाम आता है. उन्होंने 1970 में ब्रोकरेज बिजनेस से अपने करियर की शुरुआत की थी. 1953 में जन्मे आरिफ हबीब ने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़कर कारोबार की राह चुनी और धीरे-धीरे एक बड़े बिजनेस ग्रुप की नींव रखी.
Arif Habib Group का क्या है कारोबार?
आज Arif Habib Group का कारोबार फाइनेंशियल सर्विसेज, केमिकल, सीमेंट, स्टील, रियल एस्टेट और एनर्जी सेक्टर तक फैला हुआ है. फातिमा फर्टिलाइजर, आयशा स्टील मिल्स और जावेदन कॉर्पोरेशन जैसी बड़ी कंपनियां इसी समूह का हिस्सा हैं. उनके नेतृत्व में यह ग्रुप पाकिस्तान के तेजी से बढ़ते मल्टी-सेक्टर बिजनेस ग्रुप्स में गिना जाता है.
आरिफ हबीब का क्या है भारत का कनेक्शन?
आरिफ हबीब का भारत से भी गहरा संबंध रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके माता-पिता चाय के कारोबार से जुड़े थे और 1948 में भारत के गुजरात स्थित बंटवा से पाकिस्तान चले गए थे. कराची में जन्मे आरिफ हबीब के परिवार की आर्थिक स्थिति शुरुआत में कमजोर थी, लेकिन मेहनत और कारोबारी समझ के दम पर उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की.
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