Aravalli Mining Case: अरावली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया स्वागत, जानें क्या कहा?

Aravalli Mining Case: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपने पुराने आदेश पर रोक लगाने और पूरे मुद्दे की दोबारा समीक्षा के लिए नई समिति गठित करने का निर्णय स्वागतयोग्य है.

Aravalli Mining Case: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपने पुराने आदेश पर रोक लगाने और पूरे मुद्दे की दोबारा समीक्षा के लिए नई समिति गठित करने का निर्णय स्वागतयोग्य है.

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Dheeraj Sharma
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Bhupendra Yadav

Aravalli Mining Case: अरावली खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 29 दिसंबर को अपने पूर्व आदेश पर रोक लगा दी है. इस फैसले को पर्यावरण और खनन से जुड़े मामलों में एक अहम मोड़ माना जा रहा है. कोर्ट के इस कदम का केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने स्वागत किया है और इसे संतुलित व विचारशील निर्णय बताया है. 

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भूपेंद्र यादव ने जताया फैसले का समर्थन

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपने पुराने आदेश पर रोक लगाने और पूरे मुद्दे की दोबारा समीक्षा के लिए नई समिति गठित करने का निर्णय स्वागतयोग्य है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्यावरण मंत्रालय (MOEFCC) इस नई समिति को हर संभव सहयोग देगा, ताकि अरावली पर्वत श्रृंखला से जुड़े सभी पहलुओं का गहन अध्ययन किया जा सके.

उच्चस्तरीय समिति के गठन का प्रस्ताव

सुप्रीम कोर्ट ने इस संवेदनशील मुद्दे की व्यापक और समग्र समीक्षा के लिए एक नई उच्चस्तरीय समिति बनाने का प्रस्ताव रखा है. इस समिति में अरावली क्षेत्र, पर्यावरण संरक्षण, भूगर्भ और खनन से जुड़े विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा. समिति का उद्देश्य अरावली रेंज की वास्तविक स्थिति, उसकी परिभाषा और संरक्षण से जुड़े पहलुओं का वैज्ञानिक और व्यावहारिक मूल्यांकन करना होगा. 

खनन पर रोक अब भी बरकरार

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने बयान में यह भी साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बावजूद अरावली क्षेत्र में खनन को लेकर सरकार का रुख सख्त बना रहेगा. मौजूदा स्थिति में न तो नई खनन लीज दी जाएगी और न ही पुरानी खनन लीज का नवीनीकरण किया जाएगा. यानी अरावली क्षेत्र में खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध अब भी लागू है.

अरावली के संरक्षण के लिए सरकार प्रतिबद्ध

भूपेंद्र यादव ने दोहराया कि केंद्र सरकार अरावली पहाड़ियों की सुरक्षा, संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह पर्वत श्रृंखला न केवल पर्यावरण संतुलन के लिए अहम है, बल्कि जल संरक्षण और जैव विविधता के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है.

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