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Annual Fastag (social media)
सार्वजनिक परिवहन को सुविधाजनक बनाने को लेकर केंद्र सरकार राज्य परिवहन निगम की बसों और निजी व्यावसायिक वाहनों को लेकर वार्षिक फास्टैग पास लाने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने परिवहन सेवा के इस बड़े वर्ग के हित पर विचार शुरू किया है.
इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे सुविधाएं विकसित करने को लेकर केंद्र सरकार निजी बस संचालकों के समूहों को रियायती दर पर भूमि दर भूमि उपलब्ध कराने की तैयारी हो रही है. सार्वजनिक परिवहन की बात करें तो देश में सबसे बड़ी भूमिका निजी बसों की है.
देश में 92 प्रतिशत निजी बसें
बस एंड कार ऑपरेटर्स कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े के तहत, देश में 92 प्रतिशत बसें निजी क्षेत्र की हैं. इनकी संख्या करीब 20 लाख है. ऐसा दावा है कि रोजाना पांच लाख यात्री हवाई सेवा का सफर करते हैं. इस दौरान 2.40 करोड़ यात्री रेलवे, 1.15 करोड़ यात्री मेट्रो से, वहीं 40 करोड़ यात्री देशवासी बसों से सफर करते हैं. इनमें 32 करोड़ मुसाफिर निजी बसों में मौजूद हैं.
परिवहन का बड़ा जरिया होने के बाद पर्याप्त सुविधाएं न मिलने की शिकायत कन्फेडरेशन की ओर से मंत्रालय से की गई. इस पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आश्वस्त किया है. इस तरह निजी कार चालकों के लिए तीन हजार रुपये का वार्षिक फास्टैग आरंभ किया गया है. इसी तरह की सुविधा राज्य परिवहन और निजी बस और कैब चालकों को देने पर विचार किया है.
मंत्रालय की ओर से कराया रहा अध्ययन
इस दौरान संगठन की ओर से ऐसा कहा गया कि परिवहन में लगे वाहनों के फेर ज्यादा होते हैं. ऐसे में इनकी राशि बड़ी होनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, मंत्रालय की ओर से अध्ययन किया गया है कि इस सुविधा को किस तरह से दिया जा सकता है कि परिवहन सेवा के संचालकों को फायदा पहुंचे.