भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय सचिव अनिल एंटनी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना भारत को अगले 25 साल में विकसित देश बनाने का है।
अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कांग्रेस और अपने गृह राज्य केरल में भाजपा की संभावनाओं के बारे में बात की।
प्रस्तुत हैं साक्षात्कार के कुछ अंश:
प्र.: भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बनाये जाने पर आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या है?
उ.: मैं भाजपा में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि मुझे लगता है कि यही एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है जिसके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को आगे ले जाने के लिए विजन और दिशा है। पीएम मोदी के पास देश के लिए अगले 25 साल का विजन है। देश ने स्वतंत्रता के बाद पहले 67 साल में उतनी प्रगति नहीं की थी जितनी उनके नौ साल के कार्यकाल में कर ली है।
बहुध्रुवीय दुनिया में भारत एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभर रहा है। वह आजादी के सौ साल पूरे होने तक देश को विकसति राष्ट्र की श्रेणी में लाना चाहते हैं। भाजपा नेतृत्व ने मेरे प्रति जो विश्वास दिखाया है उसके लिए मैं काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। नये पद से मुझे पीएम के विजन के लिए काम करने का बेहतर मंच मिलेगा।
प्र.: क्या राष्ट्रीय सचिव बनने के बाद भी आप एक भाजपा नेता के तौर पर केरल पर फोकस करेंगे?
उ.:पद की घोषणा के बाद मुझे अब तक कोई नई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। मैं केरल में काफी समय तक रहा हूं। मैं यहां पार्टी को बढ़ते देखना चाहता हूं और इस दिशा में मैं निश्चित तौर पर प्रयास करूंगा।
पार्टी राज्य में लगातार बढ़ रही है। पहले यहां उसका वोट शेयर तीन प्रतिशत था जो अब बढ़कर 13-14 प्रतिशत हो गया है। केरल में हमारा गठबंधन बढ़ रहा है। कई उपलब्धि प्राप्त लोग और संभावनाओं से भरपूर युवा पार्टी में शामिल हुए हैं और हो रहे हैं।
देश के दूसरे हिस्सों की तरह केरल के युवा भी प्रधानमंत्री के विजन के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। केरल सामाजिक आर्थिक विकास के मामले में काफी आगे है। जहां देश की औसत उम्र 27 साल है, केरल की 35 साल है। युवा रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों या दूसरे देशों में जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की तरह पार्टी केरल में भी आगे बढ़ेगी। यहां पार्टी का प्रदेश नेतृत्व मजबूत है। आगमी लोकसभा चुनाव में हम कई सीटें जीतेंगे।
प्र.: माना जा रहा है कि 2024 के आम चुनावों में वरिष्ठ नेताओं पर गाज गिर सकती है। क्या आप उम्मीदवार होंगे?
उ.: मैं अप्रैल में पार्टी में शामिल हुआ हूं और मेरी पहली जिम्मेदारी की घोषणा कल (शनिवार को) ही की गई है। मेरी प्राथमिकता मुझे दी गई जिम्मेदारी को अच्छे से निभाने की होगी। ये फैसले पार्टी नेतृत्व को लेने हैं। इसके अलावा सबकुछ अटकलबाजी है।
प्र.: आप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी के बेटे हैं। क्या यह आपके राजनीतिक भविष्य के लिए बोझ है?
उ.: मेरे पिता 52 साल तक संसदीय राजनीति में रहे और छह दशक से पार्टी की राजनीति से जुड़े हुए हैं। वह केरल के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने रक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाली। उनके प्रति राजनीतिक हलकों में और जनता में काफी सद्भावना है। अब वह संसदीय राजनीति से संन्यास ले चुके हैं।
राहुल गांधी और उनके सहयोगियों के नेतृत्व वाली मौजूदा कांग्रेस पार्टी पुरानी कांग्रेस के रास्ते से भटक गई है। वह नकारात्मक दिशा में जा रही है। उसके पास विकास के लिए कोई विजन और दिशा नहीं है। दूसरी तरफ हमारे पास एक प्रधानमंत्री हैं जिनके पास 25 साल के लिए विजन है। कांग्रेस युवा और महत्वाकांक्षी भारत से दूर होती जा रही है। यह वह पार्टी नहीं है जिसमें मेरे पिता हुआ करते थे। मुझे मेरे पिता पर गर्व है।
प्र.: आपको लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आएगी?
उ.: निश्चित रूप से नरेंद्र मोदी और भाजपा 2024 के आम चुनावों में सत्ता में वापसी करेगी।
वर्ष 2014 से अब तक देश ने काफी तरक्की की है। नौ साल पहले देश में 500 स्टार्टअप थे आज एक लाख से ज्यादा हैं। इनमें 115 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर वाली स्टार्टअप कंपनी) हैं। वर्ष 2014 में 75 हवाई अड्डे थे आज 150 हैं और 2030 तक 400 से अधिक होंगे। नौ साल पहले हर रोज औसतन 8-9 किलोमीटर हाईवे बनते थे, आज 100 किलोमीटर बनते हैं।
इन सब कारणों से लोग विश्वास दिखाएंगे। हम 2019 की तुलना में ज्यादा सीटों के साथ चुनाव जीतेंगे। अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में 38 दल हैं और भाजपा तथा पार्टी का संगठन पहले से भी बेहतर हो रहा है।
प्र.: मणिपुर में संकट बड़ा होता जा रहा है। इस पर आपकी क्या राय है?
उ.: मणिपुर का मुद्दा काफी निराशाजनक है। हालांकि, विपक्षी दल अपनी अल्पकालिक राजनीतिक जीत के लिए इसे जिस प्रकार पेश कर रहे हैं वह वास्तविकता से परे है। यह ऐसा राज्य है जहां कई ऐतिहासिक कारणों से आदिवासियों के बीच संघर्ष होते रहे हैं। यदि आप पिछले 20 साल का मणिपुर का इतिहास देखेंगे तो आंकड़ों के अनुसार, हिंसा के मामलों में कमी आई है। मणिपुर किसी भी पुराने समय की तुलना में शांति की ओर बढ़ रहा था। उदाहरण के लिए 2005, 2006, 2007 और 2008 में वहां औसतन हर साल 150 लोगों की हत्याएं हो रही थीं। पिछले पांच साल में यह औसत घटकर 10-15 रह गया है।
देश के भीतर और बाहर के भारत विरोधी तत्त्व जनजातीय संघर्ष को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। वे जनजातीय संघर्ष को सामुदायिक युद्ध बताने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष भारत के लोगों का साथ देने और क्षेत्र में स्थिरता लाने की बजाय भारत विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहा है। कश्मीर से लेकर पूर्वोत्र के राज्यों तक भारत पिछले नौ साल में ज्यादा सुरक्षित और स्थिर हुआ है।
प्रधानमंत्री पहले कई बार राज्य का दौरा कर चुके हैं। लेकिन विपक्ष सामुदायिक मुद्दे की झूठी कहानियां गढ़ रहा है और देश की जनता इस नकारात्मकता को खारिज कर देगी।
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Source : IANS