मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता आरोपी तहव्वुर राणा के मामले में अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बयान जारी किया. इस आधिकारिक बयान में लिखा है, "अमेरिका ने बुधवार को दोषी ठहराए गए आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा, जो एक कनाडाई नागरिक और पाकिस्तान का मूल का है, को भारत में 2008 के मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया. राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जघन्य हमलों में मारे गए थे... 9 अप्रैल को, अमेरिकी मार्शल सेवा ने राणा को भारत ले जाने के लिए भारतीय अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण की प्रकिया को पूरा कर दिया गया . राणा का प्रत्यर्पण अब पूरा हो गया है..."
सुरक्षा के बीच अमेरिका से भारत लाया गया राणा
आपको बता दें कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले का साजिशकार्ता तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana India Extradition) को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अमेरिका से भारत लाया गया. यूएस ने कैलिफोर्नियां में राणा को भारतीय अधिकारियों को सौंपा. राजधानी दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर गुरुवार को उसकी फ्लाइट उतरी. इसके बाद राणा की मेडिकल जांच कराई गई. बाद में एनआईए ने उसे एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर किया. गिरफ्तारी के बाद तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया.
18 दिनों के लिए NIA की रिमांड पर भेजा
इस बीच पटियाल हाउस कोर्ट के बंद कमरे में उसकी पेशी कराई गई. NIA ने पुलिस हिरासत की मांग करते हुए पुख्ता सबूतों का हवाला दिया. इनमें ईमेल्स शामिल हैं. NIA ने कोर्ट से कहा कि साजिश का पर्दाफाश करने को लेकर आरोपी की कस्टोडियल पूछताछ जरूरी है. एनआईए ने तहव्वुर राणा की 20 दिन की रिमांड मांगी. इस पर पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों के लिए NIA की रिमांड पर भेजा है. राणा को 26/11 मुंबई हमलों का मास्टमाइंट माना जाता है. उसने डेविड कोलमैन हेडली के साथ हमले की योजना तैयार की थी. डेविड हेडली फिलहाल अमेरिकी जेल में है. हेडली का असली नाम दाऊद सईद गिलानी है. वह एक पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक है.
तहव्वुर राणा के साथ संपर्क में था हेडली
हेडली को साल 2009 में एक अखबार पर हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में उसने माना कि 26/11 आतंकी हमले में उसकी अहम भूमिका थी. वर्ष 2016 में हेडली अमेरिका में एक अज्ञात स्थान से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष पेश हुआ था. उसने अपने बयान में कहा था कि वह तहव्वुर राणा के साथ संपर्क में था. इसके लिए उसने मुंबई में एक इमिग्रेशन फर्म खोला था. इसका मालिक राणा ही था. डेविड हेडली ने बताया कि वह हमले से पहले आठ बार भारत आया. उसने दो साल तक शोध किया. उसने शहर के बंदरगाह के चारों ओर भ्रमण किया था.