/newsnation/media/media_files/2025/07/09/amit-shah-2025-07-09-19-28-05.jpg)
Amit Shah Photograph: (BJP)
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को देशवासियों के साथ अपना रिटायरमेंट प्लान शेयर किया है. अमित शाह ने बताया कि वो सार्वजनिक जीवन से रिटायर होने के बाद करने क्या वाले हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सहकारी समितियों से जुड़ी महिलाओं के साथ 'सहकार संवाद' कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद मैं खुद पूरी तरह से वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित होने की योजना बना रहा हूं.
यह खबर भी पढ़ें- Himachal Disaster: मंडी में वफादार 'रॉकी' ने बचाई 67 लोगों की जान, वीडियो हो रहा वायरल
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के सहकारिता क्षेत्र की माताओं, बहनों और अन्य सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ 'सहकारिता संवाद' में शामिल हुए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2025
उन्होंने कहा, "... मैंने तय किया है कि मैं जब भी रिटायर हो जाऊंगा तो अपना बाकी का जीवन वेद, उपनिषद… pic.twitter.com/0C3Nt5NGVN
अमित शाह ने बताया अपना रिटायरमेंट प्लान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के सहकारिता क्षेत्र की माताओं, बहनों और अन्य सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ 'सहकारिता संवाद' में शामिल हुए. उन्होंने कहा, "... मैंने तय किया है कि मैं जब भी रिटायर हो जाऊंगा तो अपना बाकी का जीवन वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती के लिए खर्च करूंगा..."
मैं जब देश का गृहमंत्री बना, तब सभी लोग मुझसे कहते थे कि आपको तो बड़ा महत्वपूर्ण विभाग मिल गया है।
— BJP (@BJP4India) July 9, 2025
लेकिन जिस दिन मुझे सहकारिता मंत्री बनाया गया, उस दिन मुझे लगा कि गृह मंत्रालय से भी बड़ा डिपार्टमेंट मुझे मिल गया है, जो देश के किसानों, गरीबों, गांवों व पशुओं के लिए काम करता… pic.twitter.com/SpFbNcp1Xu
और क्या बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने बतौर मंत्री अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि सहकारिता मंत्री उनके लिए कितना अहम है. अमित शाह ने कहा कि जब वह देश के गृह मंत्री बने, तो सबने कहा कि उनको सबसे महत्वपूर्ण विभाग दिया गया है, लेकिन जिस दिन उनको सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई, तब उनको लगा कि अब उन्हे गृह मंत्रालय से भी खास विभाग दिया गया है. क्योंकि यह मंत्रालय देश के किसानों, गरीबों, गांवों और पशुओं के लिए काम करता है. अमित शाह ने कहा कि गुजरात जैसे राज्य में जहां कॉपरेटिव stablish हो गई, वहां आज एक एक करोड़ रुपये की कमाई होती है. ये मूल विचार त्रिभुवन भाई पटेल का था, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में अपने नाम के लिए कुछ नहीं किया. जब मैंने संसद में उनका नाम लिया, तो देशभर में ये सवाल था कि ये कौन हैं? इतना बड़ा काम करने के बाद भी उन्होंने अपनी प्रसिद्धि के लिए कुछ नहीं किया. यही कारण था कि कांग्रेस के विरोध के बाद भी हमने त्रिभुवन काका के नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम रखा.