भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को देशवासियों के साथ अपना रिटायरमेंट प्लान शेयर किया है. अमित शाह ने बताया कि वो सार्वजनिक जीवन से रिटायर होने के बाद करने क्या वाले हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सहकारी समितियों से जुड़ी महिलाओं के साथ 'सहकार संवाद' कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद मैं खुद पूरी तरह से वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित होने की योजना बना रहा हूं.
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अमित शाह ने बताया अपना रिटायरमेंट प्लान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के सहकारिता क्षेत्र की माताओं, बहनों और अन्य सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ 'सहकारिता संवाद' में शामिल हुए. उन्होंने कहा, "... मैंने तय किया है कि मैं जब भी रिटायर हो जाऊंगा तो अपना बाकी का जीवन वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती के लिए खर्च करूंगा..."
और क्या बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने बतौर मंत्री अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि सहकारिता मंत्री उनके लिए कितना अहम है. अमित शाह ने कहा कि जब वह देश के गृह मंत्री बने, तो सबने कहा कि उनको सबसे महत्वपूर्ण विभाग दिया गया है, लेकिन जिस दिन उनको सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई, तब उनको लगा कि अब उन्हे गृह मंत्रालय से भी खास विभाग दिया गया है. क्योंकि यह मंत्रालय देश के किसानों, गरीबों, गांवों और पशुओं के लिए काम करता है. अमित शाह ने कहा कि गुजरात जैसे राज्य में जहां कॉपरेटिव stablish हो गई, वहां आज एक एक करोड़ रुपये की कमाई होती है. ये मूल विचार त्रिभुवन भाई पटेल का था, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में अपने नाम के लिए कुछ नहीं किया. जब मैंने संसद में उनका नाम लिया, तो देशभर में ये सवाल था कि ये कौन हैं? इतना बड़ा काम करने के बाद भी उन्होंने अपनी प्रसिद्धि के लिए कुछ नहीं किया. यही कारण था कि कांग्रेस के विरोध के बाद भी हमने त्रिभुवन काका के नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम रखा.