Amit Shah in Lok Sabha: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लिया. इस दौरान गृह मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर की पूरी टाइमलाइन बताई. इसके साथ ही गृह मंत्री ने पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों के मारे जाने की भी सदन में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, कल (28 जुलाई) बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला करने वाले तीन आतंकियों को ऑपरेशन महादेव के दौरान मार गिराया. बता दें कि सोमवार को भारतीय जवानों ने ऑपरेशन महादेव के दौरान तीन आतंकियों को मार गिराया.
1. निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने धर्म पूछकर मारा- अमित शाह
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, "निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया. मैं इस बर्बर कृत्य की निंदा करता हूं. मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है."
2. 'ऑपरेशन महादेव में मारे गए पहलगाम हमले के तीनों आतंकी'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि, "एक संयुक्त ऑपरेशन महादेव में, भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया है."
3. तीनों आतंकियों का किया सफाया- गृह मंत्री शाह
ऑपरेशन महादेव पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि, "ऑपरेशन महादेव में सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान, ये तीनों आतंकवादी भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए. सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का कमांडर था. अफगान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का आतंकवादी था और जिबरान भी ए-ग्रेड का आतंकवादी था. बैसरन घाटी में हमारे नागरिकों की हत्या करने वाले तीनों आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है."
4. मारे गए आतंकियों की हिरासत में रखे लोगों ने की पहचान- गृह मंत्री
लोकसभा में गृह मंत्री ने कहा कि, "कल के ऑपरेशन में तीनों आतंकवादी - सुलेमान, अफगान और जिबरान मारे गए. जो लोग उन्हें खाना पहुंचाते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था. जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों द्वारा हिरासत में रखे गए लोगों ने उनकी पहचान की."
5. तीन आतंकियों के बारे में की गई पूरी पुष्टि- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि, "एनआईए ने उन्हें शरण देने वालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें खाना खिलाने वालों को हिरासत में लिया गया था. जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर पहुंचे, तो उनकी पहचान पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले तीन लोगों के रूप में हुई. आतंकी हमले के कारतूसों की एफएसएल रिपोर्ट पहले से ही तैयार थी. कल तीनों आतंकवादियों की राइफलें जब्त कर ली गईं और एफएसएल रिपोर्ट से उनका मिलान किया गया. कल चंडीगढ़ में आगे की जांच की गई, उसके बाद पुष्टि हुई कि ये तीनों वही थे जिन्होंने आतंकी हमला किया था."
6. 'ऑपरेशन सिंदूर में कोई पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा गया'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, "30 अप्रैल को सीसीएस की बैठक हुई थी, जिसमें सुरक्षा बलों को पूरी तरह से ऑपरेशनल आज़ादी दी गई थी. ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू किया गया और 1:04 बजे से 1:24 बजे के बीच चलाया गया. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया. इस हमले में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा गया."
7. ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए 100 से ज्यादा आतंकी- शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सुरक्षा बलों ने 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया."
8. 'भारत ने आत्मरक्षा के लिए किया आतंकी ढांचे पर हमला'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के बाद, हमारे डीजीएमओ ने पाक डीजीएमओ को सूचित किया कि भारत ने आत्मरक्षा के अपने अधिकार के तहत उनकी जमीन पर आतंकी ढांचे पर हमला किया है. यह मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान जैसा हुआ वैसा नहीं हो सकता कि आतंकवादी आएं और हमें मार दें और हम चुपचाप बैठे रहें."
9. पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह किया- अमित शाह
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, "वे कल पूछ रहे थे कि पहलगाम के अपराधी कहां गए. आपके कार्यकाल के दौरान जो लोग छिपे हुए थे, उन्हें आज ढूंढ-ढूंढ कर मारा जा रहा है. हमारी सेना ने कम से कम 100 लोगों को मार गिराया है. 7 मई को, हमारा काम 1.26 बजे पूरा हो गया. यह मनमोहन सिंह की सरकार नहीं है; हम चुपचाप बैठकर डोजियर नहीं भेजेंगे. 9 मई को पाकिस्तान के 11 एयरबेस को नष्ट कर दिया गया. आठ हवाई ठिकानों पर हमला इतना सटीक था कि इसने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को हिला दिया."
10. कांग्रेस के कार्यकाल पर भी बोले शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि, "कल वे (कांग्रेस) सवाल उठा रहे थे कि युद्ध क्यों नहीं हुआ. आज, पीओके केवल जवाहरलाल नेहरू की वजह से मौजूद है. 1960 में, उन्होंने सिंधु नदी का 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया. 1971 में, शिमला समझौते के दौरान, वे (कांग्रेस) पीओके के बारे में भूल गए. अगर उन्होंने उस समय पीओके ले लिया होता, तो हमें अब वहां शिविरों पर हमले नहीं करने पड़ते."